देहरादून : देश के पीएम मोदी से लेकर राज्यों की सरकारें और कई लोग सुर्खियां बटोरने के लिए महिला सुरक्षा औऱ बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी-बड़ी बातें तो करते हैं लेकिन इसकी जमीनी सच्चाई क्या है ये देहरादून आकर देखो. जी हां बेची बचाओं-बेटी पढ़ाओ किस हद तक लोगों के दिल दिमाग में है और कितना लोग इसको फॉलो कर रहे हैं इसकी पोल खुलती देखनी है तो देहरादून आकर देखिए.
कहा- उनकी बेटी दुष्कर्म पीडिता है उसको दाखिला नहीं दे सकते
जी हां देहरादून बोर्डिंग स्कूल में दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़िता को किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं मिल रहा है…जिसके कारण उसके माता-पिता भी सदमे में हैं. जी हां दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिजनों को स्कूल एडमिशन के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है. हद तो तब हो गई जब दून के एक नामी स्कूल ने फॉर्म भरने के बाद ये कहकर लौटा दिया कि उनकी बेटी दुष्कर्म पीडिता है उसको दाखिला नहीं दे सकता।
परिजनों की पैरों तले खिसकी जमीन
बता दें कि बोर्डिंग स्कूल के खिलाफ कार्यवाही के बाद बच्चों के परिजनों ने अपने बच्चों को अन्य स्कूल में शिफ्ट करना शुरू कर दिया. पीड़िता भी अब अन्य स्कूल में देहरादून में स्कूलों के चक्कर काट रही है, पिछले महीने कैंट क्षेत्र के एक बड़े स्कूल में दाखिले की बात करने गए थे लेकिन वहां उनसे ऐसा कुछ बोला गया कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
मुख्यमंत्री, शिक्षा विभाग, सीबीएसई और जिला प्रशासन से स्कूल से की शिकायत
स्कूल प्रबंधन के एक अधिकारी ने उनसे दो टूक में कहा कि उनकी बेटी दुष्कर्म पीड़िता है इसलिए वे उनकी बेटी को स्कूल में दाखिला नहीं दे सकते। पीड़िता पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि उस दिन से बच्ची के माता पिता सदमे में हैं। इस मामले में पीड़ित पक्ष की अधिवक्ता ने मंगलवार शाम मुख्यमंत्री, शिक्षा विभाग, सीबीएसई और जिला प्रशासन से स्कूल की शिकायत की अधिवक्ता ने स्कूल की संबद्धता खत्म करने की मांग की हालांकि इस मामले में अभी तक किसी विभाग या अधिकारी विशेष की ओर से इसका जवाब नहीं आया
गौर हो कि 16 सितंबर को भाऊवाला स्थित बोर्डिंग स्कूल में गैंगरेप की बात सामने आई थी। पुलिस ने जांच में पता चला था कि छात्रा से बीते 14 अगस्त को चार छात्रों ने गैंगरेप किया था। वहीं छात्रा ने जब यह बात प्रबंधन को बतानी चाही तो उन्होंने इसे दबाने का प्रयास किया। छात्रा गर्भवती हुई तो उसका जबरन गर्भपात कराया गया। इसके बाद स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गई, स्कूल की मान्यता ही खत्म हो गई।