जसपुर में देर से ही सही लेकिन प्रशासन भ्रष्ठाचार पर बड़ी कार्यवाही करते हुए सरकारी योजनाओं में अपात्रों को लाभ पहुंचाने के मामले में बीडीओ ने ग्राम प्रधान सहित तीन अफसरों पर गबन एवं अनियमिता बरतने का केस दर्ज कराया है। हालांकि मामला तीन साल पुराना बताया जा रहा है. पुलिस अभियोग पंजीकृत कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है जिससे हडकंप मचा हुआ है।
1 लाख 80 हजार की लागत से कराया था 15 शौचालय का निर्माण
यहां बता दें कि कि ग्राम मनोरथपुर में वर्ष 2015 से 2018 के बीच पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत एक लाख तीस हजार रुपये के मकान बनवाये गये थे। ग्राम प्रधान शहनाज, ग्राम विकास अधिकारी नीरू भारती, स्वजल परियोजना अधिकारी गीता मिश्रा ने स्वजल परियोजना के तहत 1 लाख 80 हजार की लागत से 15 शौचालय का निर्माण कराया था। ग्रामीणों द्वारा इस निमार्ण में ग्राम प्रधान पर अधिकारीयों से हमसाज होकर गबन करने तथा अपात्रों को लाभ पहुॅचाने की शिकायत की गई थी। विभागीय जांच में ग्रामीणों द्वारा लगाये गये आरोपों को सही पाया गया था। इसके अलावा मनरेगा योजना में अवर अभियंता मनरेगाएवं उक्त लोगों पर रुपये का गबन के आरोप पाये गये थे।
मृतकों के नाम शौचालय स्वीकृत
लम्बे समय से चले आरहे इस प्रकरण पर गांव के ही जसवीर द्वारा हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा था कि मनोरथपुर से ग्राम प्रधान ने सरकारी योजनाओं में कई वित्तीय अनियमितताएं की हैं। अपने ससुर को इंदिरा आवास स्वीकृत कर दिया है, जबकि उसके ससुर के नाम वाले दूसरे पात्र व्यक्ति का आवेदन स्वीकार हुआ था। याचिका में कहा गांव में मृतकों के नाम शौचालय स्वीकृत करने तक आरोप लगाये गये थे।जिस के बाद हरकत मे आये जिला प्रशासन के आदेश पर खंड विकास अधिकारी डीडी नथवान ने ग्राम प्रधान और तीन अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। कोतवाल अबुल कलाम ने बताया मामले की जाॅच के बाद कार्रवाई की जायेगी।