कोरोना के कहर से मीडिया जगत भी परेशान है। ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम न्यूज पेपर्स फेडरेशन ने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। फेडरेशन ने पीएम को पत्र लिखा है। इस पत्र में विज्ञापनों के न मिलने से समाचार पत्रों की बिगड़ती माली हालत का जिक्र किया गया है। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरिंदर सिंह ने पिछले पांच सालों में मीडिया जगत में लगातार हुई छटनियों का जिक्र किया है। पिछले पांच सालों में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में सैकड़ों लोगों की नौकरियां गईं हैं। इसके साथ ही समाचार एजेंसियों से भी बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला गया है।
पत्र में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए छोटे और मझोले समाचार पत्रों के जरिए करोड़ों लोगों को मिलने वाले रोजगार का भी जिक्र है। कोरोना महामारी को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन के चलते विज्ञापनों का मिलना बंद हो गया है। ऐसे में समाचार पत्रों के सामने आस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है।
फेडरेशन ने सरकार से समाचार पत्रों को बचाने के लिए निम्नलिखित मांगे रखी हैं –
- लॉकडाउन व अन् कारणों से अखबारों को हुए नुकसान और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्मॉल एडं मीडियम न्यज पेपर्स के लिए आरक्षत फंड की स्थपना की जाए।
- सरकार द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए निर्धारित बजट को बढ़या जाए।
- लघु एवं मझौले समाचार पत्रो को संलग्न विधि के अनुसार वर्ष में अनुपात के आधार पर विज्ञपन जारी किए जाएं।
- लघु और मझौले अखबारों को Micro, Small & Medium Enterprises की तर्ज पर सभी सुविधा उपलब्ध कराई जाए और विज्ञापनों में वरीयता दी जाए।
- अखबारों, चैनलों और समाचार एजेंसियों में कार्य करने वाले संपादक, संवाददाताओं, छायाकारों व अन् कर्मचारियों के लिए 50-50 लाख रुपए का बीमा कराया जाए।
- देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसियों को बचाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ।
- कैबिनेट सचिव और सूचना प्रसारण मंत्रालय के उन आदेशों का कड़ाई से पालन कराया जाए जिनमे सभी मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य के विज्ञापन डीएवीपी के माध्म से जारी कराने को अनिवार्य बनाया गया है।