देहरादून- साल 2013 की आपदा के बाद सूबे की सरकार की हालत दूध के जले उस शख्स की तरह हो गई है जो छांछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है। दरअसल उस आपदा में जान और माल दोनों का जबरदस्त नुकसान हुआ था।
माना जा रहा है कि नदी किनारो पर यदि निर्माण कार्य नहीं होता तो आपदा के दौरान भारी तादाद में जान-माल का नुकसान नहीं होता। बहरहाल टीएसआर कैबिनेट ने केदारनाथ विकास प्राधिकरण की मंजूरी देते हुए भविष्य की रूप रेखा तय कर दी है। अब केदारनाथ क्षेत्र में हर निर्माण की निगरानी केदरानाथ विकास प्राधिकरण करेगा। प्राधिकरण की मंजूरी के बिना केदार क्षेत्र में कोई एक ईंट भी इधर-उधर नहीं सरका पाएगा।
बीते रोज हुई टीएसआर कैबिनेट ने केएनडीए की रूपरेखा तय करते हुए 14 पदों को सृजित करने की मंजूरी दी है। प्राधिकरण के सीईओ का जिम्मा रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी के पास रहेगा। जबकि प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का जिम्मेदारी पीसीएस रैंक के अॉफिसर संभालेंगे। इसके साथ ही साथ प्राधिकरण मे वैयक्तिक सहायक,नायब तहसीलदार,असिस्टेंट इंजीनियर, अवर अभियंता, वरिष्ठ सहायक, सहायक लेखाकार, मानचित्रकार, वाहन चालक का एक-एक पद होगा। जबकि डाटा एंट्री ऑपरेटर और सफाई कर्मचारी के दो पद सृजित किए गए हैं।