ब्यूरो- कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से अजीब मिज़ाज का शहर है जरा फासले से मिला करो। सूची जारी होने पर कांग्रेस ओर भाजपा के बागियों के रिश्ते कुछ इसी अंदाज में तल्ख हो गए थे। लिहाजा बगावत का ऐलान करते हुए बागियों ने धड़ाधड़ा नामांकन किए और आलाकमान के माथे पर शिकन की लकीरें खींच दी।
बहरहाल सियासत के उस्तादों ने भी हिम्मत नहीं हारी और बागियों से अब न केवल हाथ मिलाया जा रहा हैं बल्कि गले मिलकर उन्हें जादू की झप्पी भी दी जा रही है ताकि उनके मन की भड़ास शांत हो जाए और बगावत की आग ठंडी पड जाए। भाजपा ने जहां तीन बार की विधायक विजया बड़थ्वाल को नाम वापस लेने के लिए मनाते हुए यमकेश्वर मे बगावत की आंग को बुझाया हैं
वहीं खबर है कि कांग्रेस ने भी रामनगर में बगावत की ताल ठोक चुके ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी को भी रणजीत रावत के पक्ष में मना लिया है। गौरतलब है कि सीएम रावत ने बीते रोज रामनगर में कांग्रेस दावेदार रणजीत रावत के समर्थन मे न केवल जनसभा की बल्कि संजय नेगी का गुस्सा शांत करने के लिए भी उनसे मुलाकात की कोशिश भी की थी।
सूत्रों की माने तो रावत ने संजय नेगी को रणजीत रावत के पक्ष मे नाम वापस लेने के लिए तैयार कर लिया है। जिसके तहत रावत ने दोनों नेताओं को हाथ मिलाकर फिर से पक्का दोस्त बनने पर राजी कर लिया है । होगा क्या ये तो एक फरवरी को पता चल जाएगा फिलहाल सूबे के सियासी गलियारे मे ये खबर हॉट बनी हुई है, जिसे सुनकर बगवात से बेचैन कांग्रेस के खेमे में चैन पसर गया है।