देहरादून : पौड़ी में छात्रा को आग के हवाले करने की घटना ने पूरे प्रदेश की जनता को हिलाकर रख दिया था…छात्रा की मौत के बाद पूरे उत्तराखंड में शौक की लहर दौड़ पड़ी थी. जिसके बाद सीएम ने पुलिस अधिकारियों को ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाही के निर्देश दिए थे. वहीं सरकार बढ़ती महिला एवं बाल उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाने के एक्शन में आ गई है जा हां ऐसे मामलों को जल्द निपटाने के लिए सरकार ने राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने का फैसला किया है.
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस सिलसिले में प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने के लिए सचिव गृह एवं न्याय को निर्देश दे दिए हैं।
सरकार ने किया राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने का फैसला
बता दें उत्तराखंड में लगातार बाल उत्पीड़न से लेकर छात्राओं से लेकर नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा देखा गया. इस वर्ष अब तक पोक्सो एक्ट में 15 मामले दर्ज हो चुके हैं। पिछले वर्ष यह संख्या सात थी। इन घटनाओं से पुलिस ही नहीं सरकार भी हैरान है औऱ इसी को देखते हुए ऐसे अपराधों से लड़ने के लिए औऱ ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार ने राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने का फैसला किया.
सीएम का बयान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देवभूमि में इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों के जल्द निस्तारण के लिए सरकार ने राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सचिव गृह व न्याय को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संसद ने बच्चों के प्रति यौन अपराध के संलिप्त अपराधियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया है। नए वर्ष में इस प्रकार के मामलों में शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित की जाएंगी।