छठ पूजा स्पेशल(Chhath Puja 2025): कब है पर्व और कैसे करें पूजा

छठ पूजा स्पेशल(Chhath Puja 2025): जानिए कब है पर्व, कैसे करें पूजा और क्या है इसका धार्मिक महत्व!

Basant Nigam
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chhath puja 2025

बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाने वाला महापर्व छठ पूजा (Chhath puja 2025) मैथिल, मगही और भोजपुरी लोगों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। यह भारत का एकमात्र ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है। इस दिन सूर्य देवता और छठी माई की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि जीवन में सुख, समृद्धि, सेहत और खुशहाली बनी रहे।

अगर आप भी इस साल छठ पूजा कैसे की जाती है जानना चाहते हैं, तो हम आपको बताएंगे कि छठ पूजा 2025 कब है, छठ पूजा क्यों मनाया जाता है इसकी विधि क्या है और इसका धार्मिक महत्व क्या है।

छठ पूजा 2025 कैसे की जाती है

छठ पूजा कब है? (Chhath Puja 2025 Kab Hai)

हर साल छठ पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाई जाती है। यह भैयादूज के तीसरे दिन से आरंभ होती है।
इस वर्ष, छठ पूजा 25 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 28 अक्टूबर 2025 तक मनाई जाएगी।
इस चार दिवसीय पर्व के मुख्य चरण हैं — नहाय खाय, खरना, संध्या अर्घ्य, और उषा अर्घ्य।

छठ पूजा क्यों मनाया जाता है (Chhath Puja Kyu Manaya Jata Hai)

छठ पूजा का पावन पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दौरान भक्तजन सूर्य देव की बहन छठी मईया की भी श्रद्धा पूर्वक पूजा करते हैं।

कहा जाता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें सूर्य देव की उपासना करने का सुझाव दिया। साम्ब ने पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान से सूर्य देव की आराधना की, जिसके परिणामस्वरूप वे रोगमुक्त हो गए। इसके बाद उन्होंने सूर्य देव के सम्मान में बारह सूर्य मंदिरों का निर्माण करवाया। इनमें से सबसे प्रसिद्ध मंदिर ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर है, जबकि एक अन्य मंदिर बिहार के औरंगाबाद में देवार्क सूर्य मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

मान्यता है कि प्राचीन काल में जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ और देवता पराजित हो गए, तब देव माता अदिति ने इसी स्थान पर छठी मईया की कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर छठी मईया ने उन्हें तेजस्वी पुत्र का वरदान दिया। उसी आशीर्वाद से आदित्य भगवान का जन्म हुआ, जिन्होंने देवताओं का नेतृत्व करते हुए असुरों पर विजय प्राप्त की। तभी से यह पर्व पुत्र प्राप्ति, संतान सुख और परिवार की समृद्धि के लिए मनाया जाता है।

छठ पूजा की विधि – छठ पूजा कैसे की जाती है(chhath puja kaise kare)

छठ पूजा का महत्व सिर्फ आस्था में नहीं बल्कि इसमें निहित सफाई, साधना और अनुशासन में भी है। चलिए जानते हैं छठ पूजा कैसे की जाती है

1. नहाय खाय – शुद्धता की शुरुआत
पहले दिन महिलाएं गंगा या तालाब में स्नान करती हैं और फिर शुद्ध वस्त्र धारण करती हैं। वे घर की सफाई करके शुद्ध भोजन बनाती हैं — आमतौर पर कद्दू की सब्जी, चना दाल और चावल। यह भोजन व्रती द्वारा पहले ग्रहण किया जाता है, उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य खाते हैं। इस दिन व्रती उपवास का संकल्प लेती हैं।

2. खरना – व्रत का पालन
दूसरे दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं। शाम को वे मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर और घी की रोटी बनाकर सूर्य देव की पूजा करती हैं। पूजा के बाद वही प्रसाद ग्रहण किया जाता है और रातभर का व्रत आरंभ होता है।

3. संध्या अर्घ्य – अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा
तीसरे दिन व्रती महिलाएं नदी या तालाब के किनारे अस्त होते सूर्य को जल अर्पित करती हैं। यह पूजा सूर्य देव के प्रति आभार और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए की जाती है।

4. उषा अर्घ्य – उदयमान सूर्य की पूजा
अंतिम दिन, उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रती अपने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हैं।

छठ पूजा के लाभ (Chhath puja ke fayde)

धार्मिक लाभ: सूर्य देवता और छठी माई की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है और आस्था में वृद्धि होती है।
शारीरिक लाभ: यह व्रत शरीर को शुद्ध करता है और त्वचा संबंधी रोगों से राहत दिलाता है।
आर्थिक लाभ: माना जाता है कि सूर्य देव की कृपा से धन, व्यवसाय और जीवन में स्थिरता आती है।
मनोबल में वृद्धि: यह पर्व एकता, सहनशीलता और आत्मबल को बढ़ाता है।

छठ पूजा 2025(Chhath puja 2025) : श्रद्धा, समर्पण और आस्था का संगम

महापर्व छठ पूजा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक है।
इस वर्ष, जब आप छठ पूजा करें, तो पूरे मन, श्रद्धा और स्वच्छता के साथ सूर्य देव और छठी मईया की आराधना करें।
नहाए खाए की हार्दिक शुभकामनाएं और आप सभी को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!
सूर्य की पहली किरण आपके जीवन में सुख, समृद्धि और नई ऊर्जा लेकर आए।

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