रुड़की: खानपुर से विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा कि मेरी राजनीतिक पहचान भाजपा से है और समाजिक पहचान गुर्जर समाज से। उन्होंने का कि राजा मिहिर भोज आदि वराह के अवतार थे, जो विष्णु भगवान का रूप हैं। पंजाब में एक कुश्ती का उद्घाटन करने गए कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा था कि उनकी पहचान बीजेपी से नहीं, बल्कि गुर्जर समाज से है। उन्होंने राजा मिहिर भोज को आदि वराह (शूकर) का अवतार बताया था।
अपने इन दोनों ही बयानों पर उन्होंने सफाई दी, साथ ही एक और बयान भी दे दिया। उन्होंने कहा कि उनकी बातों का गलत अर्थ निकाला गया और वीडियो एडिट की गई है। चैंपियन ने कहा कि उनकी राजनीतिक पहचान भाजपा से है और सामाजिक पहचान गुर्जर समाज से है। राजा मिहिर भोज और गुर्जर समाज के सम्बंध में दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ यह कहा था कि भगवान विष्णु के 24 अवतार थे जिसमें तीसरा अवतार आदि वराह (शूकर) के रूप में था। राजा मिहिर भोज भी उन्हीें का रूप थे। वह हमारे देश में आने वाले बाहरी अक्रांता आते थे। उनको खदेड़ने का काम करते थे।
कांग्रेस में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कोरी अफवाह है। कुछ लोग इस प्रकार की गलत बातों का प्रचार करते हैं। चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि वह दो सीटों से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। जिनमें एक पर स्वयं और एक पर पत्नी रानी देवयानी के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा कि जहां से पार्टी आदेश करेगी। चुनाव वहीं से लड़ा जाएगा। चैंपियन ने कहा कि वो सांसद का चुनाव लड़ना चाहते हैं।
चैंपियन ने कहा कि वीडियो और ऑडियो उन्हीं लोगों के वायरल होते हैं, जो काम करते हैं। जो चूड़ियां पहनकर बैठे रहेते हैं, उनका कुछ नहीं हो सकता। चैंपियन ने कहा कि उनका पूरा परिवार कोरोना काल में लोगों के बीच रहा और उनकी सेवा की। उस समय यह नेता जो अब बरसाती मेंढक की तरह कूद रहे हैं, वह अपनी पत्नियों के पल्लू में क्यों छुप गए थे।
पत्रकार वार्ता के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि ऐसा क्या कारण है कि उन्हें अपनी ही बातों पर बार-बार सफाई देने पड़ती है। इस सवाल पर चैंपियन भड़क गए और पत्रकारों से उनकी शैक्षिक योग्यता पूछते हुए कहा कि पत्रकार उनके साथ बहस कर लें या पहलवानी कर लें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पत्रकार अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए गलत पत्रकारिता कर रहे हैं। बार-बार इस प्रकार के सवाल पूछते हैं, जिसका कोई औचित्य ही नहीं है।
पत्रकार बयानबाजी पर अटके हुए हैं। उन्हें अपनी शैक्षिक योग्यता का परिचय देना चाहिए। पत्रकारों की मानसिकता बहुत छोटी होती है। वह कभी विकास की बात नहीं करते। केवल विवादित बातों को उठाते हैं। पत्रकारों को अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। पत्रकार के पूछे जाने पर ही उनका बयान वायरल हो रहा है, चैंम्पियन ने भड़कते हुए पत्रकारांे से कहा कि बयान, बयान क्या होता है बयान।