देहरादून : चंपावत वन प्रभाग में पिछले छह साल के दौरान हुए कार्यों की जांच में करोड़ों का घपला उजागर होने के बाद शासन स्तर पर भी हलचल हुई है। अपर मुख्य सचिव वन रणवीर सिंह ने इस सिलसिले में फाइल तलब की है। माना जा रहा कि इस मामले में आरोप पत्र अथवा एफआइआर के मद्देनजर शासन की ओर से वन मुख्यालय को निर्देश दिए जा सकते हैं।
इस साल सितंबर में लीसा ठेकेदार से कमीशन मांगने का ऑडियो वायरल होने के बाद चंपावत वन प्रभाग के तत्कालीन डीएफओ एके गुप्ता के छह साल के कार्यकाल में प्रभाग में हुए कार्यों की जांच कराई गई। यह जांच वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी से कराई गई। आइएफएस चतुर्वेदी की अगुआई में 11-11 सदस्यों की दो टीमों ने प्रभाग में गुलिया-छिल्का संग्रहण एवं निकासी, लीसा मद में हुए कार्य, नर्सरी क्षति, भुगतान, कार्मिकों की तैनाती समेत तमाम पहलुओं पर जांच की। 2000 पन्नों की यह जांच रिपोर्ट वन मुख्यालय के साथ ही शासन को भी भेजी गई।
जांच रिपोर्ट में करोड़ों का घपला उजागर हुआ है। साथ ही मामले को राज्य सतर्कता ब्यूरो को सौंपने और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। इस मामले में अब शासन स्तर पर भी हलचल तेज हो गई है। अपर मुख्य सचिव वन रणवीर सिंह ने बताया कि फाइल तलब की गई है और सभी पहलुओं पर मंथन कर निर्णय लिया जाएगा।