देहरादून। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने अपनी टीम के साथ बुधवार को देहरादून में उत्तराखंड विधानस चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, मुख्य निर्वाचन अधिकारी व राज्य के पुलिस नोडल अधिकारी और विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठकों से मीडिया को दूर रखा गया। हालांकि, राजनीतिक दलों ने बैठक के बाद अपनी मांगें मीडिया के साथ साझा की। किसी भी दल की ओर से अध्यक्ष, महासचिव या इस स्तर के नेता बैठक में नहीं पहुंचे।
बुधवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. नसीम जैदी, निर्वाचन आयुक्त अचल कुमार ज्योति, निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत, उप निर्वाचन आयुक्त विजय देव, महानिदेशक निर्वाचन व्यय दिलीप शर्मा, निदेशक धीरेंद्र ओझा, निदेशक निखिल कुमार, निदेशक ईवीएम मुकेश मीना की टीम दून पहुंची। पहले सत्र में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और टीम के अन्य अन्य सदस्यों ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। दूसरे सत्र में मुख्य निर्वाचन अधिकारी और पुलिस विभाग के राज्य नोडल पुलिस अधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद अंतिम सत्र में आबकारी, आयकर, यातायात, लोनिवि, विद्युत और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के नोडल अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। दौरे के दूसरे गुरुवार को टीम पहले सत्र में प्रदेशभर के सभी जनपदों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ मतदान की तैयारियों की समीक्षा करेगी। दूसरे सत्र में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव-गृह सचिव के साथ सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा होगी। अंतिम सत्र में मुख्य निर्वाचन आयुक्त मीडिया के साथ संवाद करेंगे।
स्थगित हो कमांडर्स कान्फ्रेंस
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ बैठक में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने 21 जनवरी को देहरादून में प्रस्तावित कमांडर्स कान्फ्रेंस को स्थगित करने की मांग की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री इस कान्फ्रेंस में शामिल हो रहे हैं। सैन्य बहुल राज्य में इस तरह के आयोजन से भाजपा राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह कान्फ्रेंस या तो राज्य से बाहर कराई जाए या फिर 15 फरवरी के बाद हो। इसके साथ ही कांग्रेस ने हिमपात प्रभावित क्षेत्रों में सातवें या आठवें दौर में फरवरी के अंत या मार्च प्रथम सप्ताह में मतदान कराने और चुनाव सामग्री की दरें बाजार के अनुरूप कम किए जाने की मागें रखीं।
24 घंटे पहले सीमा की जाएं सील
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से साथ बैठक में फर्जी मतदान की आशंका को देखते हुए राज्य की सीमाओं को मतदान से 24 घंटे पहले सील किए जाने की मांग की। भाजपा के प्रदेश प्रमुख निर्वाचन आयोग संपर्क पुनीत मित्तल और प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने बताया कि इसके साथ भाजपा ने पैरोल पर छोड़े गए अपराधियों को चुनाव होने तक वापस जेल भेजे जाने, सुरक्षा बलों में तैनात कर्मियों को समय से पोस्टल बैलेट भेजे जाने, तहसील स्तर पर नामांकन की सुविधा दिए जाने, प्रचार सामग्री की अनुमति विधान सभा स्तर से किए जाने, निर्वाचन ड्यूटी में स्थानीय सुरक्षा बलों के बजाय के केवल केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती किए जाने की मांगें रखीं। उन्होंने जीरो पते वाले मतदाताओं को सूची से बाहर किए जाने की ओर भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त का ध्यान खींचा।
बंद हो बस्ते लगाने का प्रचलन
बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के समक्ष चार सूत्रीय मांग रखी। बसपा के जिला अध्यक्ष सूरजभान सिंह ने कहा कि बस्ते लगाने की प्रथा बंद किए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही चुनाव से ठीक पहले प्रलोभन और डराने धमकाने की कोशिशों पर अंकुश लगाने के लिए गली-मोहल्लों में सुरक्षा बल तैनात करने और किसी भी प्रकार के मामले में शिकायतें किए जाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक किए जाने की मांग की गई।
धनबल के इस्तेमाल पर सख्ती
सीपीआईएम के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को छह सूत्रीय मांग पत्र दिया। पार्टी के सदस्य राज्य कमेटी अनंत आकाश ने बताया कि पार्टी ने बस्तों पर भीड़, धनबल के दम पर मतदाताओं को प्रभावित करने, पेज न्यूज, अनावश्यक प्रचार और अनुमति प्रदान किए जाने की प्रक्रिया सरल करने की मांग की।