देहरादून : मिलावट का जहर हर बार की तरह इस बार भी त्योहारों के दौरान आपको परोसा जा रहा है। आपसे मावा, दूध, पनीर और घी के पूरे पैसे तो लिए जाएंगे, लेकिन बदले में मिलेगी बीमारी। जैसे-जैसे दिन नजदीक आएंगे, दुग्ध एवं अन्य खाद्य पदार्थों की मांग भी जोर पकड़ती जाएगी। इस मांग को पूरा करने के लिए मिलावटखोर मौके का फायदा उठाएंगे।
नकली मिठाई और मावे से गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। त्योहार के वक्त दून में प्रतिदिन डेढ़ से दो टन मावे की खपत होती है। इसकी आपूर्ति उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहानरपुर व हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र से होती है। जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश से आने वाले मावे में अधिकांश सिंथेटिक होता है। अगर आप भी इन मिठाइयों से अपनी खुशियों में चार चांद लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो संभल जाइए।
60 किलो पेठा व गुलाब जामुन नष्ट
खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावट के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है। टीम न केवल दून बल्कि ऋषिकेश, मसूरी, ऋषिकेश व आसपास के क्षेत्रों में भी छापेमारी कर रही है। इस दौरान दूध, दुग्ध पदार्थ व खाद्य पदार्थों के कुल 62 सैंपल लिए गए हैं। जिला अभिहित अधिकारी जीसी कंडवाल ने बताया कि दीपावली को देखते हुए अभियान में तेजी लाई जा रही है। शहर के प्रमुख प्रवेश द्वार पर भी विभाग की नजर है। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्वच्छता मानक ताक कर रख स्टॉक किया गया व अत्याधिक रंग के इस्तेमाल के कारण 60 किलो पेठा व गुलाब जामुन नष्ट कराया गया। इसके अलावा एक्सपाइरी डेट पूरी कर चुके चिप्स के 40 पैकेट भी नष्ट किए गए।