उत्तराखंड में केदारनाथ उपचुनाव और निकाय चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। राजनीतिक दल भले ही अपनी तैयारी पूरी करने में जुटे हों लेकिन बीजेपी के लिए ये चुनाव अब साख का सवाल बनने लगा है। इसलिए प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में इस बार बीजेपी पूरी पारदर्शिता बरतने जा रही है। प्रत्याशियों का चयन फिल्टर करके होगा।
केदारनाथ उपचुनाव के लिए पार्टियों ने कसी कमर
निकाय चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव के लिए जहां विपक्षी दल पदयात्राएं निकालने का काम कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने केदारनाथ में पांच मंडलों में पांच कैबिनेट मंत्रियों की तैनाती कर दी है। जिससे चुनाव की तैयारियां समय रहते पूरी की जा सके और चुनाव में बड़ी जीत हासिल हो सके। लेकिन इसके साथ ही निकायों के चुनाव के लिए भी सियासी दलों में अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव करना शुरू कर दिया है।
BJP के लिए साख का सवाल बन रहा केदारनाथ उपचुनाव
अमूमन राजनीतिक दल प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में चुनाव लड़ने वाले सभी दावेदारों का परीक्षण करती थी और फिर एक नाम का पैनल बनाकर पार्टी हाई कमान को भेजा जाता था। जिस पर हाईकमान प्रत्याशियों की घोषणा करता था। लेकिन इस बार परिस्थितियां राज्य में बदल चुकी है। बीजेपी के लिए अब केदारनाथ उपचुनाव साख का सवाल बनता जा रहा है।
फिल्टर करके बीजेपी करेगी प्रत्याशियों का चयन
बद्रीनाथ विधानसभा का उपचुनाव और मंगलौर विधानसभा का उपचुनाव बीजेपी हार चुकी है और इसी को देखते हुए इस बार प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में बीजेपी पूरी पारदर्शिता बरतना चाहती है। इस बार बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के चयन के लिए एक ऐसी कमेटी का गठन किया है जो धरातल पर भी सर्वे करेगी और प्रत्याशियों के जनाधार को तोलने का काम होगा। इसके बाद जो प्रत्याशी फिल्टर होकर बाहर आएंगे उनके लिए भी पार्टी जनता के बीच सर्वे कराएगी कि जनता के बीच में कौन लोकप्रिय है। उसी के बाद उसे प्रत्याशी बनाने का काम होगा।
कांग्रेस में प्रत्याशी पेश कर चुके दावेदारी
बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस में निकाय चुनाव के लिए पहले से ही प्रत्याशी अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक केदारनाथ के लिए भी पार्टी के सामने पूर्व विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत प्रबल दावेदार नजर आ रहे हैं। ऐसे में चुनावी घमासान और दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ने लगी है और पार्टी अपने चुनावी रणनीति भी बदल रही है।
जिताऊ और टिकाऊ प्रत्याशी की भाजपा को तलाश
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के मानें तो जो चुनाव लड़ने के इच्छुक है उन सभी का जनता के बीच मौजूद रहने का ट्रैक रिकार्ड देखा जाएगा कि वो पार्टी के लिए जिताऊ और टिकाऊ है की नहीं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही पर्यवेक्षकों की टीम प्रदेश का भ्रमण करेगी और दावेदारों और जनहित के मुद्दों को लेकर जनता से पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेगी।
केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस की भारी मतों से जीत
महेंद्र भट्ट के बयान पर बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने चुटकी लेते हुए कहा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट उपचुनाव में अपनी सीट तो बचा नही पाए। जबकि वो बद्रीनाथ के रहने वाले हैं। कांग्रेस से हाइजैक करके बद्रीनाथ सीट पर चुनाव लड़ा। उसके बाद भी सीट बचाने में कामयाब नहीं हुए। केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस की भारी मतों से जीत होने जा रही है।