देहरादून: राज्य में अगले शैक्षिक सत्र 2018-19 से सभी विद्यालयों में कक्षा एक से बारहवीं तक एनसीइआरटी की किताबें लागू होंगी। इस व्यवस्था से सिर्फ आइसीएसई बोर्ड के विद्यालयों को नहीं जोड़ा गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। अब राज्य सरकार के विद्यालयों, सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों, उत्तराखंड बोर्ड से मान्यताप्राप्त निजी विद्यालयों और सीबीएसइ विद्यालयों के 18.56 लाख छात्र-छात्रओं को अब महंगी पुस्तकों से निजात मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में बुधवार शाम मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने राज्य में अभिभावकों और छात्र-छात्रओं को राहत देते हुए अगले शैक्षिक सत्र से कक्षा एक से 12वीं तक एनसीइआरटी की अपेक्षाकृत सस्ती किताबें राज्यभर में लागू करने का निर्णय लिया। इसके दायरे में राज्य सरकार के विद्यालयों के साथ ही उत्तराखंड बोर्ड से मान्यता लेने वाले निजी विद्यालय और निजी सीबीएसइ विद्यालय भी शामिल किए गए हैं। अब 18 लाख 56 हजार 958 छात्र-छात्रओं को महंगी किताबें लेने को विवश नहीं होना पड़ेगा। इन विद्यालयों में अनिवार्य रूप से बुक बैंक की स्थापना भी की जाएगी। कक्षा एक से आठवीं तक राज्य के इतिहास समेत तमाम जानकारियों को लेकर एक पुस्तक का निर्माण राज्य सरकार करेगी। अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र-छात्रओं को कक्षा नौ से बारहवीं तक मुफ्त किताबें देने का प्रावधान है। गौरतलब है कि राज्य में एनसीइआरटी की किताबें लागू करने को लेकर शिक्षा मंत्रलय की ओर से पिछले चार माह से कसरत की जा रही थी