कोर्ट से अंतरिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। दोषी बसपा नेता विधान सभा चुनाव में नैनीताल सुरक्षित सीट से पार्टी प्रत्याशी था और वर्तमान में भीमताल ब्लॉक से क्षेत्र पंचायत सदस्य है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 16 अक्टूबर 2008 को रानीबाग निवासी नितिन साह पुत्र हरीश साह ने काठगोदाम थाने में तहरीर दी थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने बसपा नेता सुंदर लाल, उसके भाई खुशाल राम, लीलाधर व उसके पिता दानी राम तथा ललित बिष्ट पुत्र हयात सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
कहा कि 14 अक्टूबर को रात्रि आठ बजे रानीबाग में दुकान के पास निर्माण सामग्री लेकर आया, इसी दौरान अभियुक्त तलवार व लाठी डंडों के साथ आ धमके और गाली गलौज करते हुए निर्माण सामग्री हटाने के लिए कहने लगे। इसी दौरान लीलाधर ने उसे पकड़ लिया और अन्य आरोपियों ने मारपीट की।
आरोप है कि बीचबचाव को आए राकेश साह व अन्य पर भी हमला कर दिया। उधर बसपा नेता सुंदर लाल ने तहरीर देकर राकेश साह, नितिन साह, सुरेंद्र साह, जीवन साह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस की ओर से दोनों मामलों में अलग-अलग आरोप पत्र अदालत में दाखिल किए गए।
जिला जज की कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए बसपा नेता सुंदर लाल आर्य व अन्य अभियुक्तों को ढाई-ढाई साल सजा सुनाई जबकि दूसरे पक्ष साह परिवार के लोगों को दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी अतुल साह ने की।