विपक्षी गठबंधन इंडिया पर भाजपा मीडिया प्रभारी के आरोपों का पलटवार करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि INDIA गठबंधन पर आरोप लगाने से पहले भाजपाई अपने गिरेबान में झांक लें।
तथाकथित पत्रकार पूरे देश में नफरत का बो रहे बीज
दसौनी ने कहा की यदि विपक्ष ने ये फैसला लिया है की जो तथाकथित पत्रकार पूरे देश में नफरत का बीज हो रहे हैं और समाज में धार्मिक उन्माद का आतंक फैलाये हुए है उन्हें ना उन एंकरों के प्रोग्राम में जाना है और ना ही उनके इस नफरत के एजेंडे का हिस्सा बनना है तो ये अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात कैसे हुआ ??
दसौनी ने कहा की यह तो विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार है कि उसे किस कार्यक्रम का हिस्सा बनना है और किसका नहीं, कौन सा कार्यक्रम देखना या सुनना है कौन सा नहीं ये फैसला कर सके।
विपक्ष ने किसी का पत्रकारिता का लाइसेंस नहीं छीना
कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने ना ही विपक्ष ने इन चिन्हित एंकरों को बोलने से रोका है, ना पत्रकारिता का लाइसेंस इनसे छीना है, ना कोई पाबंदियां लगाई है और ना ही की नौकरियां खाई है तो ऐसे में विपक्ष पर अनर्गल आरोप लगाने का क्या औचित्य बनता है।
दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांके भाजपा
दसौनी ने भाजपा मीडिया प्रभारी को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी।
दसौनी ने मीडिया प्रभारी को जानकारी देते हुए बताया की बैन लगाने का अधिकार सिर्फ सरकारों को हुआ करता है विपक्ष ने तो मात्र बहिष्कार किया है ठीक वैसा ही बहिष्कार जो प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले नौ सालों से रवीश कुमार, विनोद दुआ, अभिसार शर्मा, अजीत अंजुम, साक्षी जोशी, करन थापर जैसे कुछ पत्रकारों का किया।