देहरादून : उत्तराखंड का शिक्षा विभाग कोराना वायरस महामारी के दौरान जारी की गई गाइडलाइन की अनदेखी ही नहीं बल्कि खुलकर अवहेलना भी कर रहा है। केंद्र सरकार ने साफ तौर से कहा है कि 31 जुलाई तक किसी भी हाल में स्कूल काॅलेज कोचिंग सेंटर, अकादमी और शोध संस्थान नहीं खुलेंगे, लेकिन उत्तराखंड शिक्षा विभाग इसकी धज्जियां उड़ा रहा है।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लघंन
शिक्षा विभाग के अकादमिक शोध संस्थान खुले ही नहीं, बल्कि ट्रेनिंग भी कराई जा रही है। देहरादून में बने वर्चुअल क्लास रूम से शिक्षकों की ट्रैनिंग भी कराई जा रही है, जो सीधे तौर से केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लघंन है। क्योंकि केंद्र सरकार ने फिलहाल किसी भी प्रकार के प्रशिक्षण और अकादमिक आयोजनों पर रोक लगाई है।
उत्तराखंड के 500 प्रधानाचार्यों के साथ ही 2000 से ज्यादा शिक्षक केंद्र सरकार की गाइडलाइन के विपरीत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। ऐसे सवाल ये उठाता है कि आखिर शिक्षा विभाग नियमों को ताक पर रखकर क्यों कोरोना वायरस महामारी के दौरान अकादमिक प्रशिक्षण संस्थानों को खुला रख रहा है।
खास बात ये है कि बकायदा 6 जुलाई को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को पत्र भेजकर उत्तराखंड में किसी भी तरह के प्रशिक्षण न कराए जाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, उत्तराखंड में कल से फिर शिक्षकों का प्रशिक्षण होने जा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठाता है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी छात्रों को ज्ञान देने की है। वह विभाग कैसे अज्ञानी बन बैठा है, जिसे केंद्र सरकार के नियम दिखाई नहीं दे रहे हैं।