हरिद्वार : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने नभगवान राम को नेपाली बताया है। उन्होंने एक बयान दिया कि भारत में नकली आयोध्या है। असली अयोध्या नेपाल में है। यहां जनकपुरी भी है। उनके इस बयान पर भारत में संत समाज ने कड़ा विरोध जताया है। हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि नेपाली ओली का बयान बेबुनियाद और निरर्थक है। ओली के बयान पर अयोध्या के संत भड़के हुए हैं। राम दल ट्रस्ट के अध्यक्ष रामदास महाराज ने कहा है कि आज से नेपाल में उनके शिष्य ओली के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे। वेद और पुराण में वर्णन का जिक्र करते हुए रामदास महाराज ने कहा कि नेपाल में सरयू है ही नहीं।
रामदास महाराज ने कहा कि मेरे लाखों शिष्य नेपाल में रहते हैं और कल से लाखों की संख्या में भक्त सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे। नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली को एक महीने के अंदर कुर्सी से उतरना पड़ेगा। यह धर्मादेश मैं जारी करता हूं। मेरे शिष्य सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करें और ओली को सत्ता से बाहर करें। राम दल ट्रस्ट के अध्यक्ष रामदास महाराज ने कहा कि पूरे विश्व की सांस्कृति राजधानी अयोध्या है। वेद, रामायण या पुराण में देख लीजिए, उसमें साफ लिखा है कि जहां सरयू है, वहां अयोध्या है. नेपाल में तो सरयू है ही नहीं। पूरे भू-मंडल में राजा होते थे और सबका चक्रवर्ती सम्राट भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या के महाराज होते थे।
धर्मगुरू महंत परमहंस ने कहा कि केपी शर्मा खुद नेपाली नहीं हैं। केपी शर्मा पूरे नेपाल को पाकिस्तान की तर्ज पर भिखारी बनाने पर तुले हैं। नेपाल की जनता को धोखा दे रहे हैं। चीन ने नेपाल के दो दर्जन से अधिक गांव पर कब्जा कर रखा है। उसको छिपाने के लिए भगवान राम के नाम का आश्रय ले रहे हैं। राजनीति में कोई कुछ भी बोल सकता है, लेकिन मुख्य अयोध्या वह है, जहां सरयू माता हैं। राम जी का अयोध्या यही है।