पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जिले के सीमांत खासकर धारचूला विधानसभा और उससे लगे क्षेत्रों में भारी बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई गांव आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन गांवों के लोग जंगलों में फंसे हैं। उनको बचाने के लिए लगातार प्रयास करने के बाद भी जब राहत-बचाव कार्य में तेजी नहीं आई, तो धारचूला विधायक हरीश धामी और पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम त्रिवेंद्र रावत से गुहार लगाई। जबकि सरकार दावा कर रही थी कि राहत-बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। हरीश धाम ने वीडियो में यहां तक कह दिया था कि चाहो तो उनका त्याग पत्र ले लो। सीएम हेंगे तो 2022 में विधानसभा का चुनाव भी लड़ेंगे। धामी के बयान के बाद सीमांत में बंगापानी तहसील के जाराजिबली, लुम्ती और मोरी सहित अन्य गांवों में जंगलों में फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकाॅप्टर भेजा गया है।आपदा प्रभावित क्षेत्र मौरी, लुम्ती में सेना, ITBP, NDRF, SDRF, पुलिस खोज एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।
मौसम साफ होते ही लोगों को निकालने काम का शुरू किया जाएगा। बंगापानी तहसील के टांगा से लेकर बरम के मेतली तक के इलाके में आपदा ने जमकर कहर बरपाया है। चामी में पुल बहने से लोग नहीं आ पा रहे हैं। सेना के कुमाऊं स्काउट के जवानों ने लुम्ती सहित आसपास के गांवों के लगभग तीन सौ लोगों को तार और लकड़ी के कच्चे पुल के सहारे निकाल लिया है। लेकिन, ज्यादातर ग्रामीण पहाड़ी के लगातार दरकने से नीचे की ओर नहीं आ पा रहे हैं।
लोग गांव के ऊपरी हिस्सों में जिंगलों और खेतों में टैंट लगाकर मदद की उम्मीद में बैठे हैं। लुम्ती, मोरी, मेतली और जाराजिबली सहित अन्य गांवों के लोग खतरे में हैं। देहरादून से एक हेलीकॉप्टर मिर्थी हेलीपैड में उतरा। मुनस्यारी और बंगापानी क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू नहीं किया जा सका। आज गांवों में फंसे लोगों को निकालने और उन तक राशन सहित अन्य जरूरी सामान पहुंचाने का काम शुरू हो गया है।