देहरादून: प्रमोशन में आरक्षण की लड़ाई भले ही समाप्त हो गई हो, लेकिन सीधी भर्ती में आरक्षण की लड़ाई फिर शुरू हो सकती है। सरकार ने सीधी भर्ती आरक्ष का रोस्टर बदलकर पहला पद अनारक्षित कर दिया गया था। लेकिन, अब पहले पद को एससी-एसटी के लिए आरक्षित कर दिया है। इसको लेकर जनरल-ओबीसी मोर्चो ने विरोध का एलान कर दिया है।
कुछ महीने पहले त्रिवेंद्र सरकार ने सीधी भर्ती के लिए नया आरक्षण रोस्टर जारी किया गया था, जिसमें पहले पद को अनारक्षित रखा गया था। सरकार के इस फैसले पर एससी/एसटी संवर्ग ने काफी विरोध किया था, जिसके बाद सरकार ने फिर से रोस्टर के पहले पद में बदलाव कर दिया है। पहला पद अनारक्षित की जगह आरक्षित कर दिया है।
पहले पद को अनारक्षित किये जाने पर त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने अपने इस्तीफे की धमकी तक दे दी थी। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने तो रोस्टर में बदलाव के लिए बनाई गई समिति में सदस्य होने के बाद भी एससी/एसटी वर्ग की उपेक्षा को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। एससी/एसटी संवर्ग और कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और राज्य मंत्री रेखा आर्य के नारजगी के बाद सरकार ने सीधी भर्ती के आरक्षण रोस्टर में पहला पद आरक्षित कर दिया है।
सीधी भर्ती आरक्षण रोस्टर में किए गए बदलाव के बाद जरनल-ओबीसी मोर्चे ने मंगलवार को बैठक बुलाई, जिसमें मोर्चा पहले पद को आरक्षित किये जाने का विरोध दर्ज करने के साथ ही आगे की रणनीति बनाएगा। जरनल-ओबेसी मोर्चा का कहना है कि रोस्टर में किए गए बदलाव में पहला पद अनारक्षित से हटाए जाने का विरोध करता है। मोर्चा की मांग है कि रोस्टर में पहले पद को अनारक्षित करने की मांग को लेकर मोर्चा अपनी आवाज बुलंद करेगा।