उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में हुई अवैध नियुक्तियों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार व विधानसभा सचिवालय से कहा कि पूर्व के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई। हाईकोर्ट ने तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। बता दें मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होनी है।
HC ने दिए तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश
विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाला मामले में पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार और विधानसभा सचिवालय को निर्देश दिए थे कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर शपथ पत्र के माध्यम से रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। लेकिन अभी तक उनके द्वारा कोई रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सचिवालय के द्वारा कोर्ट से रिपोर्ट पेश करने के लिए दोबारा तीन सप्ताह का समय मांगा। रिपोर्ट पेश करने के लिए हाईकोर्ट ने दोनों को तीन सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई 16 जुलाई को नियत की है।
HC ने दिए थे कार्रवाई करने के निर्देश
पूर्व में हाईकोर्ट ने 6 फरवरी 2003 के शासनादेश के तहत मामले में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही सचिवालय से जवाब पेश करने को कहा था। जो अभी तक पेश नहीं किया गया है। बता दें विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाला मामले में कांग्रेस नेता अभिनव थापर निवासी देहरादून ने जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। जनहित याचिका में विधानसभा सचिवालय में हुई बैकडोर भर्ती, भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को चुनौती दी गयी है।
सरकार पर लगाए अनदेखी के आरोप
थापर ने याचिका में कहा है कि विधानसभा ने एक जांच समिति 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया। यह घोटाला 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था जिस पर सरकार ने अनदेखी की है। इस विषय पर अब तक अपने करीबियों को भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने में शामिल सभी विस अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। याचिका में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले लोगों पर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने को कहा गया है।