देहरादून- रूझान हो तो कला को विज्ञान में ढाला जा सकता है। इस बात को साबित किया है देहरादून के जौनसार-बावर की त्यूणीं तहसील के नौरा गांव के 12 दर्जे के विद्यार्थी कल्याण सिंह ने। कल्याण, राजकीय इंटर कालेज अटाल में कला संकाय का छात्र है लेकिन तकनीक में उसे इतनी दिलचस्पी है कि उसने लकड़ी का ही एटीएम बना डाला। कल्याण एटीएम 32 इंच ऊंचा और 20 इंच चौड़ा है। प्लाइवुड लकड़ी और टार्च सेल से बने कल्याण की ट्रेलर मशीन बटाने दबाने पर वैसे ही काम करती है जैसे लाखों की लागत से बने नगर,कस्बों मे लगे एटीएम।
ग्रामीण परिवेश में पले बढे और सरकारी स्कूल में पढने वाला गुदड़ी के लाल कल्याण सिंह का परिवार धन दौलत का धनी नहीं है। सामान्य उत्तराखंडी परिवारो की तरह कल्याण के माता-पिता भी कांडोई-भरम खत के नौरा गांव मे खेती-किसानी करते हैं। कल्याण ने अपने बनाए एटीएम मॉडल का प्रदर्शन अपने कॉलेज में किया और एटीएम से रूपए निकाल कर दिखाए।
विद्यालय प्रबन्धन और दूसरे स्थानीय गणमान्य लोगों ने अपने छात्र की प्रतिभा की जबरदस्त तारीफ की। सबसे दिलचस्प बात ये है कि कल्याण ने अपने एटीएम मॉडल के निर्माण में किसी का मार्गदर्शन नही लिया। बुलंद हौसलों का छात्र कल्याण का अगला सपना है सौर ऊर्जा से संचालित मोटर वाहन मॉडल तैयार करना ।
कल्याण की प्रतिभा साबित करती है कि हमारे पास ऐसा हुनर है जिस बस सलीके से तराशने और संवारने की जरूरत है। उम्मीद है कि लोककल्याणकारी सरकार कल्याण और कल्याण जैसी प्रतिभाओं के लिए भी अपनी योजनाओं की पोटली खोलेगी, ताकि कल्याण जैसी प्रतिभाएं अपनी सोच को अमलीजामा पहनाने के लिए संसाधनों की मोहताज न हों।