उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र चल रहा है। राज्य के 25 साल का लेखा–जोखा और अगले 25 वर्षों की कार्य योजना पर चर्चा हो रही है। आज सत्र के दूसरे दिन सदन में स्थाई राजधानी गैरसैंण का मुद्दा भी उठा।
विधानसभा के विशेष सत्र में उठा स्थाई राजधानी गैरसैंण का मुद्दा
सदन में चर्चा के दौरान खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने कहा कि जब 25 साल में राज्य को स्थाई राजधानी नहीं मिल पाई, तो अगले 25 वर्ष का रोडमैप कैसे बनेगा? उन्होंने कहा कि यह राज्य उन आंदोलनकारियों की शहादत से बना था जिनकी मूल भावना थी कि पहाड़ का राज्य, पहाड़ की राजधानी यानी गैरसैंण होनी चाहिए।

किसी सदस्य ने नहीं किया गैरसैंण को राजधानी बनाने का समर्थन: MLA
विधायक ने कहा कि ‘मैंने सदन में खुलकर पूछा क्या सदन में मौजूद कोई भी सदस्य हाथ उठाकर गैरसैंण को राजधानी बनाने का समर्थन करता है? लेकिन किसी ने हाथ नहीं उठाया’। ऐसे में सवाल यह है कि जब जनता के मूल भावनात्मक मुद्दों की कद्र ही नहीं हो रही तो हम आने वाले 25 सालों की बात किस आधार पर कर रहे हैं।



