उधमसिंह नगर में एक गजब का मामला सामने आया है। बता दें कि गदरपुर में एक महिला ने एक युवक के साथ शादी की। वो बीमार हुआ और बच्चों को पाल नहीं पाया तो उसने मंदिर में दूसरी शादी करली।। इस दौरान वह न तो दोनों पतियों को छोड़ सकी और न बच्चों का मोह त्याग सकी। दोनों पति जहां अपने-अपने बच्चों को छोडऩे को तैयार नहीं थे, वहीं महिला के सामने असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई। फिर उसे पुलिस का सामना करना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसारऊधमसिंहनगर के ग्राम रजपुरा गदरपुर निवासी सतविंदर ट्रक ड्राइवर है। वो अलवर गया तो उसकी मुलाकात अलवर निवासी शरणजीत कौर से हुई। 2015 में उन दोनों ने शादी कर ली। दोनों की दो बेटियां है। सतविंदर ड्राइवरी करते हुए अपने ससुराल मुबारिकपुर थाना नौगांव जिला अलवर राजस्थान में रहने लगा। साल 2017 में सतविंदर की बीमारी के बाद पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगा। सतविंदर पत्नी को छोड़ अपने गांव गदरपुर आ गया। इस बीच उसकी पत्नी शरणजीत कौर का राजस्थान निवासी किसी युवक के साथ प्रेम प्रसंग चलने लगा। दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। उनकी एक बेटी है। वहीं दूसरी तरफ पारिवारिक समझौते के बाद शरणजीत कौर नवंबर 2021 में ग्राम राजपुरा अपने पहले पति के पास पहुंची और दो महीने से यहीं रह रही थी।
वहीं इस दौरान टीटू अपनी बेटी को लेने के लिए गदरपुर पहुंचा। उसने फोन कर अपनी बेटी देने को कहा। इस पर 17 दिसंबर को शरणजीत कौर इंजेक्शन लगवाने के बहाने अपनी बेटी को लेकर नगर में पहुंची और उसने बेटी को टीटू को सौंप दी। टीटू गदरपुर से बस में बैठ अपनी बेटी को लेकर राजस्थान चला गया। शरणजीत कौर ने लोक लाज के डर से परिवार के सदस्यों को सच ना बताने की मजबूरी के चलते अपहरण की झूठी कहानी बना दी।इसके बाद जब उत्तराखंड से पुलिस टीम अलवर राजस्थान युवक टीटू के घर पहुंची तो उसने बच्ची को देने से इंकार कर दिया। उनसे कहा कि वो उसकी बेटी है चाहे इसका डीएनए टेस्ट करा लो। पुलिस ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वो जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। थाने में जब टीटू से पूछा गया कि वह क्या चाहता है तो उसने कहा कि वो अपनी बेटी को हर हालत में लेकर जाएगा। उसका यह भी कहना था कि अगर सतविंदर अपनी दोनों बेटियां उसे सौंपा दे तो वह उनका भी पालन-पोषण कर ले।
वहीं पुलिस ने जब शरणजीत कौर से पूछा तो उसने का कि वो टीटू के साथ रहना चाहचती है और उसके साथ अलवर जाएगी। उसका पहला पति दोनों बच्चे उसे दे देगा तो ठीक है। नहीं तो इसी को साथ लेकर उसके साथ चली जाएगी। टीटू ने कहा कि जब सतविंदर बीमार पड़ा तो दो साल तक उसकी दोनों बेटियों का पालन पोषण उसने किया। सतविंदर तो उन्हें देखने भी नहीं पहुंचा था। अगर सतविंदर दोनों को दे दे तो वह ले जाने को तैयार है।