Almora Me Ghumne Ki Jagah: अल्मोड़ा में घूमने के लिए जगहें।

Almora Me Ghumne Ki Jagah: विंटर्स में अल्मोड़ा में घूमने के लिए बेस्ट हैं ये जगहें, खूबसूरती के साथ उठाएं बर्फबारी का लुत्फ

Yogita Bisht
6 Min Read
Almora Me Ghumne Ki Jagah

Almora Me Ghumne Ki Jagah: अल्मोड़ा अपनी खूबसूरती के लिए देशभर में मशहूर है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, मंदिर और शांत वातावरण आपको यहां कुछ और दिन यहां बिताने के लिए मजबूर कर देंगे। अगर आप सर्दियों में अल्मोड़ा घूमने का प्लान कर रहे हैं तो इन जगहों पर आपको जरूर जाना चाहिए।

Almora Me Ghumne Ki Jagah: मन को मोह लेंगे सांस्कृतिक नगरी के नजारे

उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के नजारे देखते ही बनते हैं। यहां के खूबसूरत नजारे देख आपका दिल यहीं खो जाएगा। यहां आप शिव जी के पहले शिवलिंग की स्थापना वाले स्थान के दर्शन के साथ ही आप यहां पर बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में सुंदर पक्षियों से लेकर आप उड़न गिलहरी, कस्तूरी मृग जैसे जानवर भी देख सकते हैं। इसके साथ ही सर्दियों में यहां पर आप बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं।

जीरो प्वाइंट (zero point)

अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित जीरो प्वाइंट से आप हिमालय की बर्फ से ढकी खूबसूरत चोटीयों का आनंद ले सकते हैं। यहां से आपको चौखम्बा, त्रिशूल, नंदा देवी, नंदाकोट, पंचोली आदि चोटियों की 300 किलोमीटर लंबी श्रृंखला साफ-साफ दिखाई देगी।

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यहां पहुँचने के लिए आपको दो किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ेगा। यहां से आपको सूर्योदय और सूर्यास्त के मनमोहक दृष्य दिखाई देंगे। इसके अलावा आपको इस विहार में बर्डस और काफी सारे वन्य जीव भी देखने मिलेंगे जैसे उड़न गिलहरी, कस्तूरी मृग, चीतल, तेंदुआ, भालू आदि। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह किसी खजाने से कम नहीं है।

जागेश्वर मंदिर (Jageshwar Temple)

अल्मोड़ा जिले से 40 km की दूरी पर शिव का पावन धाम जागेश्वर मंदिर समूह बसा है। उत्तर भारतीय नागर शैली के बने इस जागेश्वर मंदिर समूह का निर्माण 9वीं से 13वीं सदी के बीच माना गया है। जागेश्वर मंदिर समूह में लगभग 250 मंदिर हैं। जिसमें एक ही स्थान पर छोटे बड़े 224 मंदिर बने हुए हैं। जिन्हें पत्थरों की बड़ी-बड़ी शिलाओं को काटकर और तराशकर बनाया गया है। आपको बता दें कि ये वही धाम है जहां दुनियां का सबसे पहले शिवलिंग स्थापित हुआ था।

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कटारमल सूर्य मंदिर (Katarmal SunTemple)

उड़ीसा के कोणार्क के बाद अल्मोड़ा कटारमल के सूर्य मंदिर की महत्वता है। ऐसा कहा जाता है ये कटारमल सूर्य मंदिर कोणार्क के सूर्य मंदिर से भी लगभग 200 साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण राजा कटारमल ने एक ह़ी रात में करवाया था। यहां सूर्य देव की बड़ से बनी मूर्ति विराजित है। ऐसा माना जाता है कि श्रद्धा भाव से मांगी गई मनोकामनाओं को सूर्य देव अवश्य पूरी करते हैं।

पं गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रालय अल्मोड़ा

अल्मोड़ा में हिस्ट्री लवर्स के लिए गोविंद बल्लभ पंत मयूजियम एक अच्छा ऑप्शन है। इस संग्रहालय में पांच गैलरी हैं। जिनमें कुमाऊं मंडल की पुरातन चीजें जैसे ऐपण, हुड़का, रणसिंह, तूरी, ताम्रपत्र, प्राचीन सिक्के, पांडुलिपि और पुरातन काल में इस्तेमाल होने वाले बर्तन हैं इसी के साथ यहां भगवान विष्णु और अन्य देवियों की प्राचीन मूर्तियां भी है।

कसार देवी मंदिर (Kasar Devi Temple)

कसारदेवी एक गुफा मंदिर है और सिर्फ मंदिर ही नहीं ये हिप्पी आन्दोलन से भी जुड़ा हुआ है आपको बता दें इसके जरिए नशे में डूबे हुए युवाओं को धीरे-धीरे नशे से निकालकर अध्यात्म कि तरफ ले जाता है। माता कात्यायनी के इस मंदिर के लिए कहा जाता है की यहां चुम्बकीय शक्तियां है।

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हालांकि ये सिर्फ धारणा हैं इसके वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलते हैं। कसार देवी मंदिर में स्वामी विवेकानंद, लामा अन्ग्रिका गोविंदा, डेनमार्क के अल्फ्रेड सोरेन्सन, इग्लैंड के रोनाल्ड निक्सन, बॉब डायलन, हार्वर्ड मनोवैज्ञानिक टिमोथी लेरी और डीएच लॉरेंस जैसे बुद्धिजीवियों आए। इस जगह पर बाबा नीमकरोली के आने कि भी बातें कही जाती है।

चितई गोलू मंदिर (Chitai Golu Temple)

आप अल्मोड़ा में चितई मंदिर घूम सकते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में लेटर लिख कर रखने से यानी की अपनी अर्जी लगाने से सारी मुरादें पूरी होती हैं। यहां पर मनोकामनाएं पूरी होने पर लोग घंटियां चढ़ाते हैं। जब आप इस मंदिर में जाएंगे तो आप देखेंगे कि गेट से लेकर मंदिर तक हजारों घंटियां चढ़ाई गई हैं।

यहां पर कुमाऊं के न्याय के देवता गोलज्यू या गोलू देवता की पूजा होती है। गोलू देवता को शिव जी और कृष्ण भगवान दोनों का अवतार माना जाता है। उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने के साथ ही यहां पर विदेशों से भी गोलू देवता के इस मंदिर में लोग न्याय मांगने के लिए आते हैं।

कैसे पहुंचे अल्मोड़ा?

अगर आप अल्मोड़ा आने की सोच रहे हो तो Almora Me Ghumne Ki Jagah के बारे में जानकारी प्राप्त कर ले। अल्मोड़ा आने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम हल्द्वानी में है। जबकि नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर में स्थित है। यहां से आपको हल्द्वनी आना पड़ेगा। हल्द्वानी से अल्मोड़ा लगभग 95 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आप बस या टैक्सी से पहुंच सकते हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।