नई दिल्ली : नैनीताल ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने आज सदन में तीन महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधायकों को टेबल पर रखते हुए अपने विचार व्यक्त किए. तीनों बिल सदन में स्वीकार किए गए.
सबसे पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद अजय भट्ट ने कुमाऊनी व गढ़वाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल करने तथा इनको राष्ट्रीय भाषाओं की तरह दर्जा दिए जाने व सम्मान दिए जाने की मांग उठाई. अन्य भाषाओं की तर्ज पर एक अकादमी उत्तराखंड की लोक भाषाओं के विकास के लिए स्थापित करने के लिए उन्होंने सदन का ध्यानाकर्षण किया.और इस विधेयक को सदन के सम्मुख प्रस्तुत किया.
दूसरे विधेयक पर बोलते हुए सांसद अजय भट्ट ने कहा कि पूरे देश में एक समान नागरिक कानून बनाने के लिए अनुच्छेद-44 के अंतर्गत राज्य नीति के निदेशक तत्वों के रूप में शामिल किया गया है. इसीलिए एक समान सिविल संहिता को बनाया जाना बेहद आवश्यक है. एक समान नागरिक कानून बनाए जाने की वकालत करते हुए सांसद अजय भट्ट ने सदन में विधेयक प्रस्तुत करते हुए समस्त राज्य क्षेत्रों में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्रदान करने की दृष्टि से संविधान संशोधन पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए. जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पर बोलते हुए सांसद अजय भट्ट ने कहा कि भारतवर्ष की जनसंख्या अनियंत्रित होती जा रही है इस समय इस समस्या के निदान हेतु जनसंख्या नियंत्रण विधेयक बनाने की नितांत आवश्यकता है.
आपको बताते चलें कि गत सत्र में संसद के अंदर सांसद तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट द्वारा जमरानी बांध,एचएमटी फैक्ट्री कर्ण प्रयाग ऋषिकेश रेल लाइन को गैरसैण तथा कुमाऊं क्षेत्र के लगते हुए रामनगर से जोड़ने की बात, नैनीताल में पार्किंग से संबंधित समस्याएं बिंदुखट्टा रामनगर के वनवासियों के खत्तों और गोटों को स्थाई दर्जा दिए जाने की मांगे भी प्रमुख रूप से उठाई गई थी.