ये मामला भागलपुर के बड़ी खंजरपुर का है। दूसरों के घरों में चूल्हा-चौका और बर्तन साफ करने वाली तीन अनाथ बच्चियां भूख से तड़प रही थीं। उन्हें पड़ोसियों ने भी खाना देने से इनकार कर दिया, ताे तीन दिन से भूखी इन बच्चियों ने काेविड-19 के लिए जारी केंद्र की हेल्प डेस्क काे इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और एक घंटे के अंदर बच्चियाें के घर पर खाना पहुंच गया।
18 वर्षीया गौरी और उसकी दो छोटी बहनें आशा और कुमकुम दोनों तीन दिन से भूखी थीं। तीनों ने गुरुवार को अखबार में छपे विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन नंबर 1800118797 पर फोन कर जानकारी दी। बच्चियों ने बताया कि वे दो दिनों से भूखी हैं। गौरी ने बताया कि उनके पिता और मां का बहुत पहले निधन हो गया था। दोनों दूसरों के कपड़े धोकर किसी तरह से अपना परिवार चलाते थे।
मां-पिता के निधन के बाद उनकी पढ़ाई भी छूट गई। उसके बाद गौरी पड़ोसियों के यहां बर्तन साफ कर छोटी बहनों की परवरिश करती है। लॉकडाउन के बाद एक-दो दिन लाेगाें ने मदद की। उसके बाद मदद करना बंद कर दिया। फिर उनकी नजर अचानक अखबार में नंबर पर पड़ी और फाेन कर दिया। पीएमओ को पूरी कहानी बताई। उसका कहना था कि उसे उम्मीद नहीं थी, लेकिन, कुछ ही देर में हमारे लिए खाना आ गया।