खनन निदेशक एस एल पैट्रिक को निलंबित करने के मामले में यूकेडी ने अपर सचिव को भी निलंबित करने की मांग उठाई है। उत्तराखंड क्रान्ति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि अपर सचिव को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए।
सैकड़ों करोड़ों के घोटाले की मिली भगत है ये मामला
उत्तराखंड क्रान्ति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल ने खनन घोटाले को उजागर करते हुए दिनांक 17 अप्रैल 2024 को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को मांग पत्र में खनन घोटाले में लिप्त खनन निदेशक एवं अपर सचिव को निलंबित एवं बर्खास्त करने की मांग की थी l जिसमें सरकार द्वारा केवल खनन निदेशक को निलंबित किया गया है। जबकि प्रथम दृष्टि में ही अपर सचिव का नाम खनन निदेशक द्वारा उजागर किया गया था।
खनन निदेशक द्वारा अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में अपहरण करने और अपहरण कर जबरदस्ती शराब पिलाने, गाली गलौज करने तथा 50 लाख रुपए की मांग और साथ में खनन पट्टा जारी करने के लिए अपहरण करने की सूचना पुलिस को दी गई थी। इसमें निदेशक द्वारा कहा गया था कि मेरा अपहरण अपर सचिव के मित्र द्वारा किया गया है l सरकार को चाहिए कि अपर सचिव के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही अमल में लानी चाहिए l ये प्रकरण केवल 50 लाख तक सीमित नहीं है यह मामला सैकड़ों करोड़ों के घोटाले की मिली भगत है, जिसमें अधिकारी और माफिया मिलकर सरकार को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचा रहे हैं l
अपर सचिव को भी किया जाए निलंबित
खनन निदेशक पैट्रिक विवादित व्यक्ति के तौर पर प्रदेश में काम करते रहे हैं। इनके द्वारा पूर्व और वर्तमान में भी खनन कारोबारी से भी समय-समय पर राजस्व वसूली न करने का आरोप लगा है। जो सरकार द्वारा निलंबित आदेश में स्पष्ट किया गया है। खनन निदेशक द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त खनन पट्टों की समय पर नीलामी नहीं की गई है जिससे सरकार को आर्थिक क्षति हुई है।
प्रदेश में अवैध खनन के लिए माहौल बनाना निदेशक के कार्य प्रणाली पर हमेशा प्रश्न चिन्ह लगता रहा है। किंतु कोई भी सरकार खनन निदेशक पैट्रिक की जांच नहीं कर पाई है। यूकेडी का कहना है कि केवल खनन निदेशक पैट्रिक को निलंबित करने से काम चलने वाला नहीं है। एस एल पैट्रिक के साथ अपर सचिव को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए बर्खास्त किया जाना राज्यहित में है l
खनन नीति पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार
उत्तराखंड क्रांति दल ने मांग की है कि सरकार वर्तमान में चलित खनन नीति पर श्वेत पत्र जारी करें। सरकार जनता को बताएं कि सरकार द्वारा खनन कारोबारी से सरकार पारदर्शिता रखते हुए किस प्रकार राजस्व वसूली कर रही है। इसके साथ ही मांग की है कि प्रथम दृष्टि पैट्रिक और अपर सचिव दोषी हैं जिनको तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए किसी उच्च न्यायालय से सेवा निवृत माननीय न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्पेशल जांच कमेटी गठित कर उपरोक्त दोनों अधिकारियों द्वारा किए गए घोटालों और एकत्रित की गई अतिरिक्त संपत्ति की जांच की जानी चाहिए।
दोनों से उनकी संपत्ति का विवरण शपथ पत्र के माध्यम से जांच अधिकारी को जमा कराया जाए। राज्य से राजस्व की हानि का आकलन करें और जांच के उपरांत दोनों अधिकारियों को प्रकाशित कर गिरफ्तार करें। यूकेडी का कहना है कि ऐसा न करने से ये माना जाएगा कि इस प्रकरण में सरकार भी संलिप्त है। जांच न होने की दशा में उत्तराखंड क्रांति दल खनन घोटाले को जनता के बीच ले जाकर आंदोलन करेगी।