देहरादून : प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति की ओर से राज्य के निजी नर्सिग कॉलेजों के लिए तय किए एक समान शुल्क लागू कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
प्रवेश एवं शुल्क समिति ने बीते माह निजी नर्सिग कॉलेजों के लिए शुल्क तय किया था। निजी पैरामेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर ही निजी नर्सिग कॉलेजों की ओर से अपने पाठ्यक्रमों का शुल्क तय कराने से कन्नी काटी गई थी। इसके चलते समिति ने अपनी ओर से ही शुल्क तय कर दिया था।
हालांकि निजी नर्सिग कॉलेज विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए समिति की ओर से तय शुल्क से ज्यादा शुल्क वसूल कर रहे हैं। लेकिन ज्यादा शुल्क लेने के बारे में उनकी ओर से प्रस्ताव नहीं दिया गया था। लिहाजा समिति ने तीन वर्ष पहले निर्धारित शुल्क में मामूली वृद्धि करते हुए शुल्क तय किया था।
दरअसल, उत्तराखंड अनानुदानित निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं (प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण विनियम) अधिनियम में दोबारा शुल्क तय कराते वक्त मौजूदा शुल्क ढांचे में तकरीबन 25 फीसद वृद्धि का प्रावधान है। इसमें 15 फीसद वृद्धि वार्षिक वृद्धि एवं 10 फीसद वृद्धि मुद्रास्फीति के तहत अनुमन्य की गई है।
उन्होंने बताया कि निजी कॉलेजों के अधूरे प्रस्ताव अथवा प्रस्ताव देने से कन्नी काटने की प्रवृत्ति के चलते समिति ने वर्ष 2017-18 से 2019-20 यानी तीन वर्ष के लिए सभी कॉलेजों के लिए एकसमान फीस तय कर दी है। इसमें न्यूनतम वृद्धि की गई है। अब छात्र-छात्राओं से तय शुल्क से ज्यादा वसूल करने पर संबंधित कॉलेज पर शिकंजा कसा जाएगा। समिति की ओर से तय शुल्क के बारे में चिकित्सा शिक्षा अपर सचिव डॉ पंकज पांडेय की ओर से आदेश जारी किया गया है।
नजी नर्सिग कॉलेजों के लिए तय किया ये सालाना नया शुल्क (रुपये)
पाठ्यक्रम, राज्य कोटा, प्रबंधकीय कोटा
एएनएम, 41800, 52800
जीएनएम, 44000, 55000
बीएससी नर्सिग, 61600, 72600