देहरादून : विजिलेंस की टीम ने वरिष्ठ एकाउंटेंट को 3000 की रिश्वत लेने के आरोप में 2007 में गिरफ्तार किया था जिसको आज सजा सुनाई गई.
2007 का मामला, मांगे थे सेवा पानी के लिए 3000 रुपये
दरअसल मामला 2007 का है. जहां देहरादून के वन विकास निगम में ठेकेदारी काम करने वाले व्यक्ति ने विजिलेंस टीम को शिकायत की थी कि वो वन विकास निगम में ठेकेदारी करता है। जिसके अन्तर्गत टेण्डर के आधार पर पेडों के कटान एव ढुलान का काम किया जाता है शिकातकर्ता ने बताया कि देहरादून पौंटा मार्ग के किनारे यूकेलिप्टर पेड़ों के कटान और हरबटपुर डिपो मे ढुलान का कार्य किया था जिसका भुगतान 33,000 रूपयें का चैक मिलना था. शिकातकर्ता ने बताया कि वरिष्ठ एकाउटेन्ट पाठक से सम्पर्क करने पर बताया गया कि उनका चैक तैयार हो गया है जो सहायक एकाउंटेन्ट दयाल सिंह रावत पुत्र श्री कुशाल सिंह रावत निवासी भरतपुर रामनगर नैनीताल हाल निवासी मोहम्पुर थाना रायपुर देहरादून के पास है. शिकायतकर्ता जब दयाल सिंह रावत से मिला तो कहा गया कि 3 हजार रूपये सेवा पानी के दो तभी चैक दूंगा और 11 जून 2007 को 5 बजे डीएलएम कार्यालय बंजारावाला मिलने के लिए बुलया।
11 जुलाई 2007 को रिश्वत लेते रंगे हाथों हुए थे गिरफ्तार
जिसकी शिकायत व्यक्ति ने विजिलेंस को की. विजिलेंस की टीम ने आऱोपों को सही पाया था और 11.07.2007 को सहायक एकाउटेन्ट दयाल सिंह रावत पुत्र श्री कुशाल सिंह रावत निवासी भरतपुर रामनगर नैनीताल हाल निवासी मोहकम्पुर थाना रायपुर देहरादून को 3,000/रूपये रिश्वत लेते हुयें रेगे हाथ गिरफ्तार किया थाय विवेचना के उपरान्त अभियुक्त सहायक एकाउटेन्ट दयाल सिंह रावत के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया था.
4 साल की सजा और 5,000का जुर्माना लगाया
न्यायालय ने आरोप सही साबित होने पर आरोपी सहायक एकाउटेन्ट दयाल सिंह रावत को भ्र0नि0अधि0 1988 को धारा 7 के आरोप पर दोषी पाते हुए आज 4 साल की सजा और 5,000का जुर्माना लगाया. दण्ड़ ना देने पर 02 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाने का फैसला किया.