देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही सरकार और विपक्षी दल कांग्रेस में अंतर द्धंद छिड़ चुका है. कांग्रेस में जहां नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच फिर से जंग छिड़ चुकी है तो वहीं सत्ता में काबिज भाजपा के भीतर सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के वन विभाग में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सीधे हस्तक्षेप करने से हरक सिंह रावत नाराज हो गए. हरक सिंह रावत की ये नाराजगी उनके द्धारा कार्मिक विभाग को लिखे पत्र से जाहिर हो चुकी है, जिसके बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री बिना देखे फाइल साईन कर रहे हैं।
खबर उत्तराखंड के सवाल पर दिया जवाब
दरअसल वन विभाग के प्रमुख संरक्षक जयराज के विदेश जाने की अनुमति की फाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर किए जाने से हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री से नाराज हो गए हैं। हरक सिंह रावत का सीधे तौर से कहना कि जब मामला उनके विभाग से जुड़ा हुआ है तो फाइल उनके बाद मुख्यमंत्री के पास जानी चाहिए थी,लेकिन कार्मिक विभाग ने सीधे फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी जो कि उत्तराखंड में गलत परंपरा हो जन्म दिया जा रहा है और इसे प्रदेश को नुकसान हो रहा है।
कार्मिक विभाग वन मंत्री की बजाय मुख्यमंत्री को फाइल भेज रहे हैं-हरक सिंह रावत
लेकिन जब खबर उत्तराखंड ने वन हरक सिंह रावत से सवाल किया क्या इस परंपरा को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही बढ़ावा दे रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ने देखभाल कर ही प्रमुख वन संरक्षक जयराज को विदेश जाने की अनुमति की फाइल पर हस्ताक्षर किए होंगे। जिस पर हरक सिंह रावत ने गोल मोल जवाब देते हुए कहा कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री ने बिना ध्यान दिए फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हों…ये ध्यान भी मुख्यमंत्री को नहीं रहा होगा कि ये फाइल वन विभाग से आई होगी, जिम्मेदारी कार्मिक सचिव की है कि थी कि वह फाइल मुझे भेजते लेकिन ऐसा नहीं हुआ,प्रदेश के जंगलों में आग लगी है और कार्मिक विभाग वन मंत्री की बजाय मुख्यमंत्री को फाइल भेज रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं कई बार हो चुका है,इसलिए मैंने प्रमुख सचिव कार्मिक को सख्त पत्र लिखा है,कोई मंत्री ऐसा करने को तैयार हो तो हो कि उसके पास बिना फाइल आए वह देखता रहे वह तो ऐसा करने को तैयार नहीं हैं।
हरक के बयान के गंभीर मायने
वन मंत्री हरक सिंह रावत के विभाग में मुख्यमंत्री के द्धारा सीधे हस्तक्षेप करने से हरक सिंह बेहद नाराज हैं और उनके बयानों और पत्र से ये सीधे स्पष्ट भी हो रहा है..खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकत कर हरक सिंह रावत इस बारे में बात करने वाले हैं,लेकिन सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री को मंत्रियों के विभाग में सीधे हस्तक्षेप करना सही है।