देहरादून : देहरादून सतर्कता की टीम ने उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के आईटी सीनियर मैनेजर को 9 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
दरअसल देहरादून निवासी शिकायतकर्ता ने 12 जनवरी को पुलिस अधीक्षक, सतर्कता सैक्टर देहरादून को पत्र लिख कर शिकायत की कि वो सिमकार्ड/बायोमेट्रिक्स मशीन का काॅन्ट्रेक्टर है और विभिन्न कार्यालयों में बायोमेट्रिक्स का इंस्टाॅलेशन व उनका एएमसी का कार्य करता है।इसी क्रम में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड में भी अपना कार्य किया था जिसके एवंज में शिकायत कर्ता द्वारा 2 बिल भुगतान के लिए उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड में लगाये गये थे, जिनमें से एक बिल जो लगभग 36,000 रूपये का था जिसका भुगतान हो चुका था तथा दूसरा बिल लगभग 40,000 रूपये (कुल 76,000/-रूपये) का जिसका भुगतान शेष था। उक्त दोनों बिलों को पास करने के एवंज में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड में कार्यरत सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव ने 12%के हिसाब से दोनों बिलों के एवंज में 9,000 रूपये रिश्वत मांगी।
शिकायतकर्ता ने अपने लम्बित बिलों के भुगतान के लिए सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव से कई बार अनुरोध किया गया और भुगतान के लिए कहा लेकिन सीनियर मैनेजर आईटी ने कमीशन के 12% यानी की 9000 के भुगतान पर जोर दिया। शिकायतकर्ता द्वारा अनुरोध किया कि कमीशन की धनराशि अधिक है, इसे कम कर लो, लेकिन सीनियर मैनेजर आईटी ने धनराशि कम करने से मना कर दिया।
इसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा 12 मार्च को पुलिस अधीक्षक सतर्कता सैक्टर के कार्यालय में अपनी शिकायत लेकर पहुॅचा जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि वह रिश्वत नहीं देना चाहता था, मजबूरी में रिश्वत देने को तैयार हुआ और अपने प्रार्थना पत्र पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही चाहता है।
पुलिस अधीक्षक, सतर्कता सैक्टर देहरादून द्वारा शिकायतकर्ता केे शिकायती प्रार्थना पत्र की गोपनीय जांच से आरोप सही पाते हुये नियमानुसार टैप संचालन के लिए टीम का गठन किया गया।
आज आरोपी सीनियर मैनेजर आईटी अशोक यादव उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड को सतर्कता सैक्टर देहरादून की टीम द्वारा समय करीब 5:15 बजे सरकारी स्वतन्त्र गवाहान के समक्ष शिकायतकर्ता से 9,000 रूपये लेते हुए उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड कार्यालय से रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी के विरूद्व थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर धारा-7 भ्र.नि.अधि. 1988 यथा संशोधित 2018 के अन्तर्गत अपराध पंजीकृत कराकर विवेचना की जायेगी।
वहीं सतर्कता निदेशक ने टीम को बधाई देते हुए उत्साह वर्धन के लिए 10,000/- नकद पारितोषिक देने की घोषणा की।