चम्पावत- 2018 में उत्तराखंड में होने वाले नेशनल गेम्स के लिए छमनिया स्टेडियम बन रहा है, लेकिन युवाओं के खेल के लिए बन रहे इस स्टेडियम के शुरुआती निर्माण में जिस तरह भ्रष्टाचार की परतें दिख रही हैं, उस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार चाहे विकास के लिए कितनी योजनाओं को धरातल पर उतारे, लेकिन कार्यदायी संस्थानों और ठेकेदारों की जुगलबंदी उसे चौपट करने का हुनर जानती हैं और उनके अब तक के अनुभव जानते हैं कि ज्यादातर जांचें फाइलों में ही कैद हो जाती हैं।
बता दें छमनिया स्पोर्ट्स स्टेडियम को बनाने का जिम्मा राज्य सरकार ने यूपी राजकीय निर्माण निगम चंपावत को सौंपा है और आईआईटी रुड़की ने इसे डिजाइन किया है। 11 करोड़ की लागत से बन रहे इस पूरे स्टेडियम पर अब तक निगम ने 2 करोड़ खर्च किए चुके हैं। छमनिया स्पोर्ट्स स्टेडियम के तीन तरफ दीवार की बेस को मजबूत करने के लिए मिट्टी के ऊपर की जा रही निलिंग की पहली ही लेयर को देखकर ही पता लगाया जा सकता है कि काम में गुणवत्ता को किस हद तक नजरअंदाज किया जा रहा है। यहां का नजारा देखकर यह साफ हो जाता है कि जगह-जगह से टूट चुकी सीमेंट की निलिंग हाथों से ही उखड़ रही है।
इस निलिंग के काम को कर रहे प्रोजेक्टर अधिकारी इसे टेस्ट ट्रायल बताकर बिन बादल फटे बादल फटने की घटना से नुकसान होना बता रहे हैं। हालांकि स्टेडियम में गुणवत्ता से काम न होने की शिकायत मिलने के बाद प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और कार्रवाई की बात कही जा रही है।