देहरादून – (मनीष डंगवाल)सीएम जनता दरबार में अपनी ट्रांसफर की मांग को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बहस करने वाली शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा इन दिनों उत्तराखंड में ही नहीं पूरे देश में पहचान बना चुकी है. ऐसा कोई मीडिया घराना और सोशल मीडिया साइट नहीं है जहां उत्तरा बहुगुणा की चर्चा न हो रही हो। लेकिन उत्तरा बहुगुणा एक शिक्षिका ही नहीं एक गढ़वाली कलाकार भी है,जो शिक्षिका बनने से पहले गढ़वाली फिल्मों में अपने हुनर का लोहा मनवा चुकी है।
बंटवारू गढ़वाली फिल्म में कर चुकी है अभियनय
उत्तराखंड की संस्कृति पर बनने वाली फिल्में आज के समय में भले ही कोई मुकाम हासिल न कर पा रही हों लेकिन जिस समय उत्तरा बहुगुणा ने गढ़वाली फिल्म में अपने अभिनय का जादू बिखेरा था उस समय गढ़वाली फिल्मों की धूम उत्तराखंड में बहुत ज्यादा थी। जीं हैां उत्तरा बहुगुणा ने गढ़वाली फिल्म बंटवारू में अभिनय कर उत्तराखडियों का दिल 1989 में जीता था. जब उन्होने इस फिल्म में काम कर सभी का दिलों में जगह बना ली थी।
हास्याकलाकर घनानंद को जड़ चुकी है थप्पड़
खबर उत्तराखंड को जब इस बात का पता चला कि उत्तरा बहुगुणा गढ़वाली फिल्म बंटवारू में काम कर चुकी हैं तो खबर उत्तराखंड ने उत्तरा बहुगुणा से फिल्म के बारे में विस्तार से चर्चा की.
उत्तरा बहुगुणा ने कहा कि पहली बार उन्होंने गढ़वाली फिल्म में काम किया. अपनी संस्कृति के लिए काम करने के लिए उनमे काफी उत्सुकता भी थी,लेकिन उन्हे जो रोल मिला था,उसे कैसे निभाना था उन्हे इसका पता नहीं था.
मिला घस्यिारी का रोल, फिल्म में घनानंद भी
उन्हे फिल्म में एक अन्य महिला कलाकर के साथ घस्यिारी का रोल मिला था,जिसमें हास्यकलाकर घनानंद भी अभिनय कर रहे थे। घनानंद को फिम्ल में घास निकालते समय फिल्म कि स्क्रिप्ट के मुताबिक घास काटते समय उत्तरा पंत और उनके साथ जो दूसरी महिला कलाकर थी उन्हे छेड़ना था.
घनानंद ने रोल के मुताबिक घास काट रही उत्तरा बहुगुणा को छेड़ना शुरू कर दी,जिसपर उत्तरा बहुगुणा ने घनानंद के जोर से थपड़ जड़ दिया. जिससे घनानंद को दर्द भी महसूस हुआ,लेकिन घनानंद चुप रहे। उत्तरा बहुगुणा फिल्म के इस दृश्य को लेकर कहती है कि उन्हे ये बात मालूम नहीं थी कि उन्हे एक्टिंग के मुताबिक केवल थपड़ मारने का इशारा करना था. इसलिए उन्होने घनानंद के जोर से थपड़ जड़ दिया लेकिप थपड मारने के बाद उनहे इशारे से थपड़ मारने का रोल समझाया गया ।
पर्वताराही भी है उत्तरा
गढ़वाली अभिनय और एक शिक्षिका के साथ उत्तरा बहुगुणा पर्वतारोही भी रह चुकी हैं. उत्तरा बहुगुणा कहती हैं कि 1988 में वह 10 लडकियों के ग्रुप के साथ भागीरथी टू-2 पर्वत फतह कर चुकी हैं,जो 21 हजार 365 फीट की ऊंचाई पर है.उन्हे पहाड़ से बहुत प्यार रहा है और इसके चलते उन्होने गढ़वाल में ही शिक्षिका के तौर पर अधिक सेवा दी है. साथ ही पहाड़ से प्यार होने के कारण पहाड़ों का पतह करने का शौक और अपनी संस्कृति के लिए भी काम करने का भी शौक रहा है। वह तो सरकार और शिक्षा विभाग से कहना चाहती है कि तो हिमालय पर भी बच्चों को पढ़ा लेते अगर उनके परिवार में परेशानी न होती।
उत्तरा बहुगुणा का बेटा भी किसी हिरों से कम नहीं
ऐसा नहीं कि उत्तरा बहुगुणा को ही केवल अभिनय का शौक है,उनका शौक उनके बेटे भी कूट-कूट कर भरा जो अब हिंदी फिल्मों में इंट्री कर चुका है,उत्तरा बहुगुणा का बेटा शुभम बहुगुणा आने वाली फिल्म जसवंत सिंह राणा में मशूहर एक्टर मुकेश तिवारी और गिरीश सह देव के साथ अभिनय कर चुका है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्धारा शुरू की गई हुनर योजना के लिए बनाए गए आधे घण्टे के सीरियल में भी शुभम बहुगुणा काम कर चुके हैं जो दूरदर्शन पर प्रसारित हो चुका है।