गढ़वाल का केंद्र कहे जाने वाले कोटद्वार में पासपोर्ट कार्यालय खोलने की घोषणा हुए एक साल बीत चुका है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि सिर्फ एक साइन न होने के कारण आज तक यह कार्यालय शुरू नहीं हो पाया। इस मुद्दे पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी के बयान ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है और अब यह मामला सियासी हलकों में गरमा गया है।
सांसद ने दिलाई थी विदेश मंत्रालय से कोद्वार पासपोर्ट कार्यालय को अनुमति
सांसद अनिल बलूनी ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से अनुमति दिलाकर पासपोर्ट कार्यालय की मंजूरी करवाई थी और इसके लिए अपने सांसद निधि से साढ़े 12 लाख रुपए भी जारी किए। साथ ही कोटद्वार तहसील में कार्यालय के लिए जमीन भी उपलब्ध कराई गई। लेकिन अफसोस कि एक साल गुजर गया और अब तक विदेश मंत्रालय व जिला प्रशासन के बीच एमओयू तक साइन नहीं हो पाया।
वायरल हो रहा सांसद अनिल बलूनी का बयान
सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि जनप्रतिनिधि बड़ी मेहनत से विकास कार्यों की स्वीकृति लाते हैं, लेकिन जैसे ही फाइलें जमीन पर उतरने लगती हैं, वे गायब हो जाती हैं। सांसद का यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और जनता के बीच अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
कैबिनेट मंत्री बोले जल्द किया जाएगा जनहित के कार्य को पूरा
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अभी उन्हें भी इसकी जानकारी मिली है और कोशिश होगी कि इस जनहित के कार्य को जल्द पूरा किया जाए। अब सवाल यह है कि जब जमीन भी मिल गई, पैसा भी जारी हो गया और मंत्रालय की हरी झंडी भी मिल गई तो आखिर एक साइन को बनने में एक साल क्यों लग रहा है?
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