देहरादून- सुना है कि सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने मोबाइल पर अस्पतालों के हालात से वाकिफ रहेंगे। दरअसल राज्य में बेपटरी हुए स्वास्थ्य महकमें की जिम्मेदारी उन्हीं के पास है। लेकिन लगता है कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर बने मेडिकल कॉलेज के हालात से शायद सीएम साहब वाकिफ नहीं हैं।
दरअसल सोशल मीडिया में श्रीनगर गढ़वाल के वीर चंद्र सिंह मेडिकल कॉलेज के हालत पर दानिशमंद लोग फिक्रमंद हैं। अस्पताल मे मिल रही चिकित्सा व्यवस्था हो या मरीज और तीमारदारों के लिेेए बने प्रसाधन कक्षों की हालत सबकुछ कॉलेज प्रबंधन का कच्चा चिट्ठा खोल रही हैं।
फेसबुक जैसे पॉपुलर सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की गई हैं। तस्वीरें मेडिकल कॉलेज के वॉशरूम की बताई गई हैं। जिनमें दिख रहा है कि व़ॉशबेसिन के पाइप गायब है तो यूरिन पॉट के पाइप भी नदारद हैं।
वॉशरूम की गंदगी और अव्यवस्था की झलक पेश करती ये तस्वीरें शौचालय की भी चुगली कर रही हैं,जो इशारा कर रही हैं कि अगर मेडिकाल कॉलेज के अस्पताल के मूत्रालय के हाल हैं तो शौचालय की सेहत कैसी होगी।
हांलाकि फेसबुकवॉल पर जो आंखों देखा हाल बयां किया गया है उसके मुताबिक शौचालय की सूरत की तस्वीर इतनी कुरूप है कि उसे शेयर नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में शौचालय मरीजों और तीमारदारों के इस्तमाल के लिए बनाए गए हैं। ऐसा नहीं कि अस्पताल में सफाई कर्मचारी तैनात न किए गए हों बावजूद इसके शौचालय और मूूूत्रालयों की हकीकत भयावह है।
कितने गजब की बात है एक ओर देश के पीएम और राज्य के सीएम स्वच्छ भारत अभियान को परवान चढ़ाने के लिए नए नए कार्यक्रम बना रहे हैं दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों की सूरत पगार खर्च करने के बावजूद बदरंग हो रही है।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इस ओर ध्यान क्यों नहीं देता। यही वो छोटी-छोटी वजह हैं जिनसे आम आदमी के मन मे सरकारी इंतजामात को लेकर भंरोसा टूटता है और उसे कोफ्त होती है।
( तस्वीरें ़डॉ. वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल की फेसबुकवॉल से साभार ली गई हैं)