देहरादून : विदाई के दौर में सक्रिय हुए मानसून ने उत्तराखंड को जमकर भिगोया। पहाड़ से लेकर मैदान तक शुक्रवार रात से शुरू हुआ बारिश का दौर शनिवार को भी जारी रहा। भूस्खलन और जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देहरादून के नेशविला रोड स्थित एक मकान ढह गया। एसडीआरएफ ने दो घायलों को मलबे से निकाला और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। जहां एक की मौत हो गई।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा कुमाऊं में पिथौरागढ़ की पहाड़ियों पर भी अच्छी बर्फबारी हुई। मलबा आने से बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे बंद हो गया है, जबकि नैनीताल में भूस्खलन की चपेट में आने से मंदिर ध्वस्त हो गया।
प्रशासन ने एहतियातन आसपास के इलाके दर्जनभर परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है।
दूसरी ओर, टिहरी झील का जलस्तर भी 824 मीटर से ऊपर पहुंच गया है। टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि झील में अधिकतम 825 मीटर पानी एकत्र किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। झील से प्रतिदिन 157 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।
आज तड़के देहरादून के नेशविला रोड से आगे डंगवाल मार्ग चुक्खुवाला में एक मकान ढहने से उसमें दो किशोर दब गए। सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने दोनों रेस्क्यू कर बाहर निकाला। उन्हें अस्पताल पहुंचा। मकान महावीर प्रसाद का बताया जा रहा है। घायल बच्चों की पहचान विनोद (16 वर्ष) और दीपक (14 वर्ष) पुत्रगण राम बहादुर हुई है। राम बहादुर अपने परिवार के साथ महावीर के घर किराये पर रहता है। अस्पताल में एक घायल किशोर की मौत हो गई।