घनसाली, हर्षमणी उनियाल– घनसाली विकास खंड में पानी से प्यासे एक गांव का नाम है सौंप। गोनगढ़ पट्टी के सौंप गांव में प्यासे हलक को पानी से तर करना भारी जद्दोजहद है।
पानी जैसी बुनियादी और जरूरी सहुलियत के लिए सौंप गांव के लोग सुबह चार बजे उठ जाया करते हैं। इस गांव में सबसे पहले पानी की ही तलाश होती है जिसके लिए मीलों-मील का सफर तय करना अब ग्रामीणों की नियति बन गई है।
कपडे धोने के लिए तकरबीन तीन किलोमीटर नीचे उतरना पड़ता है जहां मौजूद नदी के पानी से काम चलाया जाता है। पीने और मवेशियों के लिए भी इस पानी को फिर चढाई का सफर तय कर ढोना पड़ता है। स्वजल योजना ने सौंप गांव में दम तोड़ दिया लेकिन पेयजल महकमें ने एक बार भी योजना की सुध लेना मुनासिब नहीं समझा।
जनप्रतिनिधि चुनावों के दरमियान पानी गांव में लाने की बात तो करते हैं लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद पानी फिर से अगली बार के चुनावी मुद्दा बनने के लिए वापस पाताल चला जाता है। ऐसे में सवाल उठता है क्या सौंप गांव के लोग हमेशा ही पानी के लिए भटकते रहेंगे।
गजब की बात है एक ओर देश के वैज्ञानिक जमीन से अंतरिक्ष में एक साथ सैकड़ों सेटेलाइट्स को पहुंचा रहे हैं दूसरी ओर ये हाल है कि सौंप गांव के नीचे नदी है लेकिन नदी से तीन किलोमीटर ऊपर सौंप गांव प्यासा है।