नैनीताल- हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को हिदायत दी है कि राज्य में शराब के चलन को धीरे-धीरे बंद करे। राजस्व से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण जनता की सेहत है और स्वास्थ्य जनता का मूलभूत अधिकार है। इतना ही नहीं नशे के शौकीनों को भी फटकार लगाते हुए आदेश दिया है कि वे सार्वजनिक स्थलों पर अपना शराब, बियर या दूसरी नशीली चीजों का सेवन नहीं करेंगे। इतना ही नहीं न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एवं आलोक सिंह की खंडपीठ ने आदेश देते हुए कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने घर या परिसर में शराबियों को इकट्ठा नहीं होना देगा और न ही उनकी खिदमत करेगा।
एक जनहित याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि सूबे में देश-विदेश के हजारों हजार श्रद्धालुओं के आस्था केंद्र चार-धाम हैं, तीर्थनगरी ऋषिकेश है नानकमत्ता, हेमकुंड साहिब और रीठा साहिब जैसे पावन स्थल हैं लिहाजा सरकार यह सुनिश्चित करे कि अगले वित्तीय वर्ष में गंगा-यमुना के माएके उत्तकाशी,बाबा केदार के धाम रुद्रप्रयाग, श्रीबदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब को अपने में समेटे जिले चमोली और तीर्थनगरी ऋषिकेश में शराब नहीं बिके।
इसके अलावा अदालत ने आदेश दिया कि नानकमत्ता गुरूद्वारा, रीठा साहिब गुरूद्वारा और हेमकंड गुरूद्वारा साहिब के पांच किलो मीटर के दायरे में कोई भी न तो तंबाकू उत्पादों को बेचेगा और न कोई इनका इस्तेमाल करेगा। वहीं माननीय अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि अगले वित्तीय साल में धार्मिक स्थलों, अस्पताल परिसरों और शैक्षणिक संस्थानों के एक किलोमीटर के दायरे में कोई भी शराब की दुकान न खोली जाए।