देहरादून- केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि खेत उर्वरक बने,खेतों में सतत उत्पादन हो हर आदमी निश्चित रहे कि वो भूखा नहीं सोएगा। ये तभी संभव है जब खेतों की मिट्टी स्वस्थ होगी। देहरादून के सर्वे ऑफ इंंडिया के प्रेक्षागृह में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह नें कृषि सहकारिता एवम् किसान विभाग द्वारा आयोजित जैविक कृषि सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए ये बात कही।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन ने गुजरे वक्त का हवाला देते हुए कहा, जिस दौर में हरित क्रांति कर उत्पादकता बढानें पर ज़ोर दिया जा रहा था उस दौर में मिट्टी की सेहत पर ध्यान नहीं दिया गया। खेतों की मिट्टी पर रसायन और रसायनिक खादों से क्या गुजर रही है किसी ने ये जानने की कोशिश नहीं की। जिसके चलते आज मिट्टी की उर्वरकता घटी है। ऐसे में अब केंद्र सरकार चाहती है कि हर खेत का इलाज हो इसके लिए स्वाइल हैल्थ कार्ड बनाने का काम पूरे देश में केंन्द्र सरकार चला रही है और ये सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने केंद्र सरकार की किसानो के लिए बनाई गई योजनाओं की जानकारी देते हुए जहां किसानों से जैविक खेती को बढ़वा देने की अपील की वहीं सूबे की हरीश रावत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानो से जुडी केन्द्र की योजनाओ पर वार्षिक कार्य योजना बना कर केंद्र को मुहैय्या नहीं करवा रही है जिसके चलते प्रदेश में किसानो के हक का पैसा केन्द्र से राज्य तक नही पहुच पा रहा है।
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नें देश में जैविक खेती के मौजूदा आंकडे को भी किसानो से साझा किया और बताया कि मौजूदा समय में देश में 15 लाख हैक्टेयर में जैविक खेती की जा रही है. जिसे सरकार लगातार आगे बढानें का काम कर रही है.