‘भुला भाषण तो टीवी पर सुणै जालू, पैली दूध, दवै कू इंतजाम त ह्वौ ‘
देहरादून, संवाददाता- परिवर्तन यात्रा का आगाज भाजपा को चौंकाने वाला साबित हो सकता है। हालांकि अमित शाह खबर लिखे जाने तक देहरादून नहीं पहुंचे हैं लेकिन जिस उत्साही भीड़ की उम्मीद भाजपा को थी वो उत्प्रेरकों की भीड़ देहरादून के बन्नू स्कूल के मैदान में नहीं दिख रही है। जो भीड़ कभी देहरादून के परेड मैदान में अटल बिहारी बाजपेयी जुटाते थे वो भीड बन्नू स्कूल के ग्राउंड में इन हालातों में शाह के लिए जुटेगी कहना मुश्किल है। दरअसल अभी तक बन्नू स्कूल से ज्यादा भीड़ बैंक और एटीएम के बाहर दिखाई दे रही है। मिडिल इनकम क्लास और लोअर इनकम क्लास की जनता जो वोट के लिए कतार में लगती है वो जनता आज अपनी मेहनत के 500 और 1000 के नोट बचाने की जुगत कर रही है या फिर दाल, सब्जी, दूध और दवा खरीदने के लिए छोटे नोट का इंतजाम कर रही है। इस वक्त जिंदगी जीने की जरूरत कहीं ज्यादा अहम हो गई है बजाए अमित शाह के भाषण से। जनता कह रही है, भुला भाषण तो टीवी पर सुणै जालू, पैली दूध,दवा का इंतजाम करला। मतलब सूबे में नेता का भाषण गौण है जिंदगी प्राथमिकता में है। तय है कि भाजपा को समझ में आ गया होगा कि कुछ चूक हुई है या तो रैली का वक्त गलत चुन लिया है या सरकार के फैसले ने रैली की रौनक फीकी कर दी है। कुल मिला कर कहा जाए तो अभी तक भाजपा भीड़ की कमी का रोना रो रही है और जनता कैश की कमी का। परेशान दोनो हैं नेता भी और जनता भी।