हल्द्वानी: नए साल से पहले उत्तराखंड पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड गई. हंसता खेलता परिवार उजड़ गया। बीते दिन टीपी नगर चौकी इंचार्ज की मौत हो गई। बता दें कि बीती 26 दिसम्बर को चौकी इंचार्ज नरेश पाल सिंह बाइक सवार की टक्कर से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिनकी बीते दिन इलाज के दौरान मौत हो गई वहीं अब उनको टक्कर मारने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इस वीडियो को देख कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या ये हादसा था या हत्या की साजिश?
सड़क किनारे हाथ में फोन लिए खड़े थे दारोगा, बाइक सवारों ने मारी टक्कर
सीसीटीवी फुटेज में देख सकते हैं पूरा रोड़ खाली है. दारोगा सड़क किनारे खड़े होकर किसी को फोन लगा रहे हैं तभी बाइक सवार दो युवक धीरे से आते हैं औऱ टक्कर मारकर लड़खड़ा कर फरार हो जाते हैं. वहीं मौके पर कई पुलिस कर्मी और लोग पहुंचते है और दारोगा को सुशीला तिवारी अस्पातल ले जाते हैं। जहाँ से डॅक्टरों ने उनको कृष्णा अस्पातल को रेफर कर दिया था। उनको आईसीयू में भर्ती कराया गया था। जिनकी हालत गंभीर बनी हुई थी वहीं आझ उन्होंने दम तोड़ दिया।
नए साल में नए घर की खुशिया मनाने का सपना अधूरा रह गया
बता दें कि टीपी नगर चौकी इंचार्ज मूलत: मुरादाबाद के रहने वाले थे। एसआइ नरेश पाल यादव का परिवार पिछले कई सालों से काशीपुर कोतवाली परिसर में रह रहे थे। उनकी स्वच्छ छवि और मृदुल व्यवहार के चलते वो सबके चहेते थे। पुलिस अधिकारी भी उनसे खासे प्रभावित थे। बस उनका घर का सपना नए साल को पूरा होने वाला था कि उससे पहले पूरे परिवार में मातम छा गया, नए साल में नए घर की खुशिया मनाने का सपना अधूरा रह गया।
मिली जानकारी के अनुसार दारोगा नरेश ने अब तक काशीपुर की कटोराताल चौकी, पैगा चौकी, सूर्या चौकी, जसपुर की पतरामपुर चौकी, चौकी बाजार खटीमा, चौकी सिडकुल रूद्रपुर, थानाध्यक्ष नानकमता, थानाध्यक्ष झनकईया चौकी के प्रभारी पद पर कार्य किया।
दो बेटी दो बेटे, बेटी कर रही सिविल सर्विसेज औऱ एलएलबी की तैयारी
मिली जानकारी के अनुसार दारोगा नरेश के चार बच्चों में बड़ी बेटी दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही है, छोटी बेटी नोएडा में एलएलबी कर रही है। उनके दो जुड़वा बेटे कृष्ण और कन्हैया हैं। जो काशीपुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा 11 के छात्र हैं।
नए साल में नए फ्लैट में शिफ्ट होने वाले थे
बता दें कि कई सालों से काशीपुर कोतवाली परिसर में रह रहे दारोगा ने कुंडेश्वरी रोड स्थित एक कॉलोनी में फ्लैट खरीदा था। जो नए साल में नए फ्लैट में शिफ्ट होने वाले थे। नरेश के परिजनों ने नए घर में आधा सामान शिफ्ट भी कर दिया लेकिन उससे पहले ही उनकी खुशियां मातम में बदल गई।
खटीमा : उपनिरीक्षक नरेशपाल सिंह खटीमा बाजार चौकी पर भी रहे। कई वर्षों से बदहाल चौकी का सुंदरीकरण खुद निजी खर्चे से कराया था। 2013 से 2015 तक रहने के दौरान जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए। इसके बाद वह झनकइया थाने के थानाध्यक्ष रहे। वह जिस थाने अथवा चौकी पर तैनात रहते थे, अपने स्तर से थाने-चौकियों का सुंदरीकरण कराना उनकी प्राथमिकता रहती थी।
उत्तराखंड : अधूरा रह गया अपने आशियाने का सपना, नए साल-नए घर में पसरा मातम