पिथौरागढ : पिथौरागढ़ के बेरीनाग में गुलदार का आतंक छाया हुआ है लेकिन किसी ने अभी तक इसकी सुध नहीं ली. इस क्षेत्र में गुलदार अभी तक कई लोगों को अपनी शिकार बना चुका है लेकिन विभाग गहरी नींद में है और गांव के लोग दहशत में जी रहे हैं. एक बार फिर गुलदार ने तीन साल के बच्चे को निवाला बना लिया. मासूम की मां का रो रोकर बुरा हाल है.
तीन साल के बेटे को दूध पिला रही थी मां
दरअसल वो अपने घर में तीन साल के बेटे को दूध पिला रही थी। इतने में अचानक से एक गुलदार घर में घुस और मां से झपटकर बच्चे को अपने जबड़े में दाबा और चला गया। ग्रामीणों ने चिल्लाने की आवाज सुनी तो वे तेंदुए के पीछे दौड़ पड़े। ऐसे में तेंदुआ कुछ दूर जाकर बच्च्ो को रास्ते में छोड़ दिया। लेकिन गर्दन में दांत और शरीर में पंजे धंसने के कारण मासूम की मौत हो गई। घटना के बाद से ग्रामीणें में दहशत और वन विभाग के खिलाफ आक्रोश का माहौल है।
उत्तराखंड में वन्यजीवों का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके बावजूद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट लोगों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतता है। इसी लापरवाही ने एक परिवार की खुशियों को ग्रहण लगा दिया। मामला पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील का। वहां कांडे किरोली क्षेत्र के मलेत गांव शुक्रवार की शाम आठ बजे हेमा देवी अपने बेटे नैतिक कार्की (तीन) को गिलास से दूध पिला रही थीं। नैतिक के एक हाथ में दूध का गिलास था। इसी दौरान तेंदुआ घर में घुसा और मां के सामने ही नैतिक को उठा कर ले गया। हेमा देवी के चिल्लाने पर आसपास के ग्रामीण पहुंच गए और उन्होंने तेंदुए को बच्चे को लेकर भागते देखा। ग्रामीण नैतिक को बचाने के लिए गुलदार पीछा किया। ऐसे में तेंदुए ने बच्च्ो को बीच रास्ते लहूलुहान कर छोड़ दिया और खुद जंगल में भाग गया। गांव वाले नैतिक को लेकर बेरीनाग के सीएचसी पर पहुंचे जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।