देहरादून: उत्तराखंड पर नेता बोझ बने बने हुए हैं। जनता की गाढ़ी कमाई से नेताओं का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जाता है। उत्तर प्रदेश के समय से ही यह व्यवस्था चल रही है। अलग राज्य बनने के बाद इसको समाप्त नहीं किया गया। नतीजतन पिछले लगभग 19 सालों से उत्तराखंड में के नेताओं की तिजारियों में जो पैसा जमा हो रहा है। उसका इनकम टैक्स जनता के पसीने से सरकारी खजाने से दिया जा रहा है। सवाल ये है कि जब नेता कमाते अपने लिए हैं तो फिर उनका इनकम टैक्स जनता के पैसे क्यों भरा जा रहा है।
मंत्रीमंडल को सुविधा
इसको लेकर उत्तराखंड और यूपी में नई बहस चीड़ गयी है। व्यवस्था को लेकर मिडिया ने एक रिपोर्ट भी सामने आयी हैं। विधानसभा अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रीमंडल को यह सुविधा दी जाती है। प्रत्येक मंत्री को प्रत्येक माह लगभग साढ़े चार लाख रुपये मिलता है। अब आप सोचिऐ कि जनता के पैसे से नेता अपनी तिजोरी भर रहे हैं और टैक्स जनता के पैसे से भर रहे हैं।
यूपी में योगी ने दिये व्यवस्था बदलने के निर्देश
हालांकि अब तक उत्तर प्रदेश में भी यही व्यवस्था लागू थी, लेकिन यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एलान कर दिया है कि नेता अपनी जेब से ही इनकम टैक्स की रकम भरेंगे। उनका टैक्स अब सरकार नहीं चुकाएगी। इससे उत्तराखंड सरकार को भी सीख लेनी चाहिए। जिससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला करोड़ों को बोझ कम हो सके।