देहरादून: उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है। हाल में ही में सरकार ने अस्पतालों से नदारद चल रहे डाॅक्टरों को बर्खास्त कर दिया। ये वो डाॅक्टर थे, सालों से तैनाती वाले अस्पतालों में जा ही नहीं रहे थे। स्थिति यह है कि प्रदेश में 750 से ज्यादा डाॅक्टरों की जरूरत है, लेकिन सरकार अब तक 138 को ही तैनात कर पाई है।
सरकार प्रदेश में भले ही लगातार डाॅक्टरों की कमी दूर करने के दावे करती हो, लेकिन जिस गति से डाॅक्टरों की भर्ती की जा रही है। उससे लगता नहीं कि सरकार जल्द डाॅक्टरों की कमी को दूर कर पाएगी। हालांकि बीजेपी सरकार आने के बाद कुछ डाॅक्टरों की नियुक्ति जरूरी हुई है, लेकिन अब भी बहुत की जरूरत है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रविन्द्र थपलियाल ने बताया इस बार 190 बॉड चिकित्सकों में से 138 की नियुक्ति कर दी गयी है। इन चिकित्सकों को सीएमओ के अंडर में भेजा जा रहा है। सीएमओ अपने जिले की जरूरतों के अनुसार चिकित्सकों की नियुक्ति करेंगे। उन्होंने बताया कि अब भी प्रदेशभर में 750 डाॅक्टरों की कमी है।