देहरादून: अंतर्राष्ट्रीय महिला समप्ताह के अवसर पर 14 मार्च को कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन एवं उत्तराखंड पुलिस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन और उत्तराखंड पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में महिला पुलिसकर्मी एवं पुलिस परिवार की 15 से 60 वर्ष की आयु के बीच महिलाओं में होने वाले स्तन और सर्वाइकल कैंसर व अन्य महिला संबंधी रोगों की जांच के लिए शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया गया। बता दें कि इस शिविर में अहम योगदान कैन प्रोटेक्शन फाउंडेशन की मशीन का रहा जो की मील का पत्थर साबित होगी। बता दें कि इस शिविर में महिलाओं में कैंसर जागरूकता एवं रोकथाम के लिए अत्याधुनिक परिक्षण जैसे मैमोग्राफी, पेप स्मीयर, थर्मो मैमोग्राफी, एवं उत्तराखंड में पहली बार यु एस ऐ की ऍफ़ डी ऐ द्वारा स्वीकृत अत्याधुनिक आई ब्रैस्ट मशीन द्वारा महिलाओं की स्तन जाँच की गयी।
उत्तराखंड में कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा लायी गई यह मशीन
आपको बता दें कि उत्तराखंड में यह मशीन कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा लायी गई है। इससे अभी तक 12 देशों में चार लाख महिलाओं की जांच हो चुकी हैं और यह नॉन पैल्पेबल स्तन की गांठ का पता कुछ मिनट में ही लगा लेती हैं, रेडिएशन मुक्त यह मशीन महिलाओ को स्तन रोगों की अग्रिम जाँच के लिए बहुत उपयोगी हैं। संस्था की अध्यक्षा डॉ सुमिता प्रभाकर ने बताया की कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन इससे पहले भी थर्मो मैमोग्राफी एवं मोबाइल कॉल्पोस्कोपी जैसी अत्याधुनिक और पोर्टेबल मशीन द्वारा महिलाओं की जाँच कर रहा है और अब यह मशीन महिला स्वास्थ के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
भारत में स्तन कैंसर से क़रीब 87,000 हुईं थीं मौतें
सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ साल 2018 के दौरान भारत में स्तन कैंसर से क़रीब 87,000 मौतें हुईं थीं। जबकि महिलाओं को होने वाले कैंसर में से 28% मामले स्तन कैंसर के ही थे। बढ़ते आँकड़ों के बीच कोरोना आ पहुँचा। कोरोना वैश्विक महामारी के समय में कई महिलाएं अपनी ज़रूरी जाँच करवाने में असमर्थ रही ऐसे समय में महिला पुलिस कर्मियों ने जन सेवा में अपना कर्तव्य निभाया। महिला पुलिस कर्मी एवं उनके परिवार की स्वास्थ जाँच को कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन अपना कतव्य समझते हुए इस शिविर के आयोजन के द्वारा महिलाओं को कैंसर के प्रति जागरूक रहने एवं उनकी ज़रूरी जाँच कर रहा हैं। डॉ सुमिता प्रभाकर ने बताया।
पुलिस लाइन्स में आयोजित शिविर
पुलिस लाइन्स में आयोजित शिविर में सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक नि:शुल्क जांच (हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, बोन डेंसिटी जाँच) एवं महिला रोग परामर्श विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। उत्तराखंड पुलिस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्षा डॉ अलकनंदा अशोक के दिशा निर्देशन पर सभी थाना/चौकी में कार्यरत महिला स्टाफ एवं पुलिस कर्मियों के परिवार की महिलाओं को शिविर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया था जिससे अधिक से अधिक पुलिस परिवार की महिलाओं को स्वास्थ्य शिविर का लाभ मिल सके, जिस पर करीब 110 महिलाएं एवं युवतियों ने अपना पेप स्मीयर, स्तन जांच एवं अन्य महिला स्वास्थ स्वास्थ्य परीक्षण कराया।
महिलाएं घर बैठे ही अपना परिक्षण कर सकती है
शिविर में आयी महिलाओं को कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा निर्मित मोबाइल ऐप “कैन ऐप” की जानकारी दी गयी एवं उन्हें बताया गया की कैसे इस ऐप के माध्यम से महिलाएं घर बैठे ही अपना परिक्षण कर सकती है एवं स्तन कैंसर के लक्षणों एवं बचाव के तरीको को जान सकती है। चार भाषाओँ में उपलब्ध यह ऐप गढ़वाली भाषा में भी उपलब्ध है जिसका लाभ उत्तराखंड की महिलाओं को मिल रहा हैं।
स्वास्थ्य शिविर के आयोजन के लिए उत्तराखंड पुलिस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्षा डॉ अलकनंदा अशोक, सचिव लता रावत एवं उत्तराखंड पुलिस की जूही मनराल, एवं एस पी सिटी सरिता डोभाल के सहयोग के लिए कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ सुमिता प्रभाकर ने आभार व्यक्त किया । डॉ सुमिता प्रभाकर ने बताया कि डॉ अलकनंदा अशोक का सहयोग उनको पहले भी मिलता रहा है एवं अब उनकी अध्यक्षता में लता रावत सचिव उपवा के कारण उत्तराखंड पुलिस की महिलाएं अपने स्वास्थ के प्रति और अधिक जागरूक हो रही हैं।
इस अवसर पर कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की डॉ विनीता सिंह, डॉ रेखा खन्ना, डॉ दीपिका राणा, डॉ पूजा ललित आनंद, निर्मला, मधुकांत कौशिक, स्तुतिमा, समीर दत्ता उपस्थित रहे।