काशीपुर : तीन तलाक़ में एक बार फ़िर से बयान बाजी शुरू हो गयी है,जहां केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी के तीन तलाक़ बैन होने के बाद तीन तलाक़ में काफ़ी कमी आने वाले बयान के बाद तीन तलाक़ की मुख्य याचिकाकर्ता सायरा बानो ने भी इस बयान का समर्थन किया है और कहा है की एक मुस्लिम महिला अधिकार के दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिये। आपको बता दें कि 25 जुलाई को लोकसभा ने मुस्लिम वुमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) बिल को पारित कर दिया. यह बिल तीन तलाक के नाम से चर्चित है।
उत्तराखंड की बहादुर महिला जिसकी वजह से लाखों महिलाएं निश्चिंत
आपको बता दें कि उत्तराखंड के काशीपुर की बहादुर महिला सायरा बानों ही वो महिला है जिसकी वजह से लाखों मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति मिली और चैन की सांस आई। सायरा बानो ने ही तीन तलाक के खिलाफ याचिका डाली थी और उस पर महिलाओं के हक में फैसला लिया गया औऱ तीन तलाक कानून लागू किया गया।
मुस्लिम समुदाय में नासूर बनकर महिलाओं को चुभ रहा था तीन तलाक
आपको बता दें मुस्लिम समुदाय में नासूर बनकर मुस्लिम महिलाओं को चुभ रहे तीन तलाक के तंज को समाप्त करने वाली मुख्य याचिकाकर्ता सायरा बानो की पहल के बाद आज देश भर की मुस्लिम महिलाएं सकून की जिंदगी जी रही है। तीन तलाक पर कानून बनने के बाद देश में मुस्लिम महिलाओं के साथ तलाक की घटनाएं कम हुई है। जिसका समर्थन केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी किया है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक पर बनाए गए कानून को लेकर कहा था कि जब से तीन तलाक को लेकर कानून बना था उसके बाद से देश भर में तीन तलाक की घटनाएं कम हुई है।
वहीं तीन तलाक की लड़ाई लड़ने वाली मुख्य याचिकाकर्ता काशीपुर निवासी सायरा बानो ने भी इस पर सहमति जताई है। सायरा बानो ने बताया कि अब मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक का दंश नहीं झेलना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने देश में तीन तलाक पर लागू होने वाले कानून के दिन मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाने की भी बात कही है।