देहरादून- जी हजूरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों का इम्तिहान भी अगर सरकार ने अपने फैसले के मुताबिक जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत किया तो तय है कि कई पचास पार मुलाजिमों को घर बैठना पड़ जाएगा।
जी हां सूबे की टीएसआर सरकार ने इसकी शुरूआत कर दी है। हालांकि प्रदेश सरकार ने एक ओर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सरकारी कर्मचारियों को खुश भी किया। लेकिन दूसरी ओर 50 साल की उम्र पार कर चुके अफसरों और कर्मचारियों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तलवार भी लटका दी है। पचास साल की उम्र पार कर चुके मुलाजिम को अब सरकारी पगार पाने के लिए काम करके भी दिखाना होगा।
दरअसल प्रदेश सरकार में 50 साल पार आईएएस से लेकर चपरासी तक सभी कर्मचारियों के कामकाज का आकलन होगा। सरकार की कसौटी पर जो खरे नहीं उतरेंगे उन्हें घर का रास्ता दिखाया जाएगा। इसके लिए सभी श्रेणियों में स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन हो गया है।
गौरतलब है कि बीते जुलाई माह में मुख्य सचिव एस. रामास्वामी की ओर से अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सभी विभागों को स्क्रीनिंग कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए थे जिस पर अमल करते हुए सचिवालय प्रशासन विभाग ने अनुपालन किया है।
कार्मिकों की सेवाओं और कामकाज का आकलन करने के लिए पदों की श्रेणी के हिसाब से स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई। यह कमेटी कार्मिक के काम करने में रुचि, लोक हित की सेवाओं का आकलन कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की संस्तुति देगी। श्रेणी ‘क’, ‘ख’ के अधिकारियों के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन होंगे।
प्रमुख सचिव कार्मिक की ओर से नामित अधिकारी व संबंधित विभाग का काम देख रहे अपर सचिव सदस्य होंगे। इसी तरह श्रेणी ‘ग’ कार्मिकों के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष अपर सचिव सचिवालय प्रशासन को बनाया गया। संयुक्त सचिव कार्मिक व संयुक्त सचिव अधिष्ठान सदस्य होंगे। श्रेणी ‘घ’ के कार्मिकों की कमेटी में प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन अध्यक्ष, उप सचिव व अनुभाग अधिकारी सदस्य नामित किए गए हैं।
सभी विभागों की ओर से हर साल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में 50 साल आयु वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाओं व कार्यप्रणाली की आकलन किया जाएगा। यदि अधिकारी व कार्मिक अपने दायित्वों के मुताबिक काम नहीं कर रहा है तो सरकार स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुति पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी।
स्क्रीनिंग की शुरुआत सरकार ने शासन से की है। सचिवालय में सभी श्रेणियों के लिए स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन कर दिया गया है। प्रमुख सचिव (सचिवालय प्रशासन) आनंद बर्द्धन ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार ने कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए 50 साल की आयु पूरी करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया है। हालांकि कहने वाले कह रहे हैं कि यस सर कहने वाले तिकड़म बाजों की नौकरी चलती रहेगी।