देहरादून- अपने अहम के आगे उत्तराखंड के क्रिकेटरों के भविष्य को चौपट करने वाली उत्तराखंड की क्रिकेट एसोसिएशनों की मनमर्जी पर नकेल कसने की पूरी तैयारी हो गई है। जल्द ही सर्वोच्च न्यायाल द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देखने के लिए बनाई गई क्रिकेट प्रशासक समिति के अध्यक्ष विनोद रॉय के आदेश पर एक कमेटी उत्तराखंड आने वाली है।
ये समिति राज्य में मौजूद क्रिकेट एसोसिएशनों से न केवल जवाब तलब करेगी बल्कि उनका शजरा भी खंगालेगी और बैंक अकाउंट भी। एसोसिएशन को समिति के कड़े सवालात का सामना करते हुए पूरा ब्यौरा देना होगा। जिसमे बैलेंस शीट से लेकर मैचों में खर्च की गई रकम के बारे में किए गए हर सवाल का सही जवाब एसोसिएशन को देना होगा। गड़बड़ी मिली तो खैर नहीं जबकि जिस एसोसिएशन का हर कागज ओके मिले उसे बीसीसीआई की मान्यता मिलने की पूरी संभावना।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में चार एसोसिएशन होनो के बावजूद उत्तराखंड के होनहार क्रिकेटरों को दूसरे राज्यो की ओर से खेलना पड़ता है। बहरहाल कहा जा रहा है कि अगर सीओए अध्यक्ष के आदेश से बनी समिति को चारों क्रिकेट संघों के शजरे ठीक मिले तो सीओए अध्यक्ष एक बार फिर से राज्य के चारों क्रिकेट संघों को एक होने के लिए कह सकते हैं। लेकिन अगर बात नहीं बनी तो फिर एक औपचारिक समिति राज्य में क्रिकेट की गतिविधियों को संचालित करेगी। ऐसा हुआ तो राज्य में मौजूद चारों क्रिकेट संघ हासिए पर सिमट जाएंगे और राज्य के क्रिकेटर अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरने लगेंगे।