देहरादून : सेना, पैरा मिलिट्री और पुलिस में जाना यानी की वर्दी पहनना आज लगभग हर युवक का सपना बन गया है। सिर्फ युवक ही नहीं बल्कि बेटियां में भी अब वर्दी पहनने की चाह बढ़ गई है। कड़ी मेहनत के बाद भी कई युवक वर्दी नहीं पहन पाते तो कई आज देश की रक्षा कर रहे हैं। वहीं आए साल देश भर में सेना भर्ती और पैरा मिलिट्री फोर्स में भर्ती की जाती है जिसमे भर्ती होने के लिए कई युवक कड़ी मेहनत करते हैं तो कई युवक गलत रास्ता अपनाते हैं।
जी हां ऐसा ही फर्जीवाड़ा सामने आया आईटीबीपी की भर्ती में जहां देहरादून में हरियाणा के चार युवकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। आपको बता दें कि इन युवकों के खिलाफ वसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले पर वसंत विहार इंस्पेक्टर देवेंद्र चौहान के अनुसार प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार (भर्ती सेल) नॉर्दन फ्रंटियर मुख्यालय आइटीबीपी सीमाद्वार देहरादून ने लिखित शिकायत दर्ज कराई कि भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस में आयोजित सिपाही और पशु परिवहन भर्ती में चिकित्सा जांच 17 से 19 नवंबर 2020 तक आईटीबीपी, नई दिल्ली में आयोजित की गई थी, जिसमें अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों को निर्धारित प्रारूप में दोबारा मेडिकल जांच के लिए अपने जिला अस्पताल से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ नोडल कार्यालय उत्तरी सीमांत मुख्यालय आइटीबीपी सीमाद्वार देहरादून में पेश करने के निर्देश दिए गए थे।
इसी के तहत हरियाणा के 4 अभ्यर्थियों के मेडिकल प्रमाण पत्र की जांच उनके द्वारा प्रेषित सिविल अस्पताल भिवानी हरियाणा से कराए जाने पर मेडिकल प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। चारों युवकों की पहचान अभ्यर्थी गुलाब सिंह पुत्र दीपचंद, अशोक कुमार पुत्र दलबीर सिंह, रोहित कुमार पुत्र राज कुमार, संजय कुमार पुत्र जयवीर सिंह, सभी निवासी भिवानी हरियाणा के रुप में हुई।चारों के खिलाफ वसंत विहार थाने में कूट रचना और धोखाधड़ी के अपराध में मुकदमा दर्ज किया गया है।