देहरादून, (पं.चंद्रबल्लभ फोंदणी) – रानीपोखरी न्याय पंचायत तथाकथिक विकास की प्रसव पीड़ा झेल रही है लिहाजा जनता परेशान और बेचैन है। यूं तो कई समस्याएं हैं लेकिन आज की शुरूआत पानी की किल्लत से रू-ब-रू होते मौजा रानीपोखरी गांव से।
जब से राज्य बना है तब से रानीपोखरी न्याय पंचायत की आबादी भी लगातार बढ रही है। लिहाजा जिंदगी के लिए जरूरी पानी की किल्लत से भी इलाके को दो-चार होना पड़ रहा है। बहरहाल पेयजल निगम ने जल संस्थान की किल्लत को देखते हुए मौजा रानीपोखरी गांव की प्यास बुझाने के लिए एक ट्यूबवैल खोदने की योजना बनाई।
जिसके लिए मौजा रानीपोखरी की उस ग्राम सभा की जमीन को चुना गया जो रैनापुर से मौजा रानीपोखरी आने वाली सड़क के किनारे मौजूद है। रैनापुर चौक से करीब सवा किलोमीटर दूर पेयजल निगम ने ट्यूबवैल खुदवाने का काम बडे जोर-शोर से शुरू किया गया। बाकायदा तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने नारियल तोड़ कर ट्यूबवैल खुदाई का आगाज किया। ट्यूबवैल खोदने का काम पेयजल निगम ने जिस ठेकेदार को दिया था उसने अपने काम को अंजाम तक पहुचाते हुए धरती के सीने से पानी निकल दिया।
अब ताजा हाल ये है कि आधा साल गुजर गया है लेकिन अब काम ठप्प पड़ा हुआ है। पेयजल निगम न ट्यूबवैल से निकलने वाले पानी के लिए ओवरहैड टैंक बना पाया और न ओवरहैड टैंक तक पाइपलाइन बिछा पाया यहां तक की ट्यूबवैल जिस जगह खुदा है उस जगह पर अभी कमरा और पानी खींचने वाली मोटर बिजली का कनैक्शन जैसी चीजों का इंतजाम नहीं कर पाया।
आज आलम ये है कि आबादी बढ़ने के चलते गांव में बिछी पुरानी पाइप लाइनो में पानी की कमी हो गई है। जल संस्थान के मुलाजिम शिकायतों से आजिज आ चुके हैं लिहाजा अपना दामन बचाने के लिए कभी एक वार्ड को पानी देते हैं तो कभी दूसरे वार्ड को।
गांव मे 60 फीसदी घरों में पशु बंधे हुए है लिहाजा पानी के लिए हर घर परेशान है। उम्मीद थी कि ट्यूबवैल बनने के बाद मौजा रानीपोखरी की पानी की किल्लत कम हो जाएगी लेकिन अफसोस जमीन से बाहर निकला पानी का पाइप जनता को चिढा रहा है।
उधर पेयजल निगम बजट का रोना रो रहा है। सीएम का निर्वाचन क्षेत्र होने के चलते नई सरकार से इलाके की जनता को बड़ी उम्मीद है। देखना ये है कि जनता की उम्मीद पूरी कब तक होती है।